निवाई। (विनोद सांखला) सवाईमाधोपुर की उपतहसील मित्रपुरा कस्बे के नजदीकी हनुत्या गाँव निवासी हैं धुलचंद मीना को पीएचडी की उपाधि मिली । जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर के हिन्दी-विभाग के शोधार्थी धूलचंद मीना (जे.आर.एफ.) ने पूर्व विभागाध्यक्ष व कथा साहित्य के मर्मज्ञ प्रोफेसर डॉ.किशोरीलाल के निर्देशन में ‘हिन्दी दलित-लेखन एवं रत्नकुमार साम्भरिया का साहित्य एक अध्ययन’ विषय पर शोध कार्य किया है।
इनके 12 से अधिक शोध आलेख राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मानित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। ये 15 से अधिक संगोष्ठियों में शोध पत्र-वाचन कर चुके हैं।
संवेदनशील कथाकर रत्नकुमार साम्भरिया के साहित्य पर 36 से अधिक शोधार्थी शोधरत हैं जिनमें से धूलचंद मीना राजस्थान से पहले जे.आर. एफ. शोधार्थी है जो यू.जी.सी.की अध्येतावृत्ति लेते हुए कथाकार साम्भरिया के सम्पूर्ण साहित्य पर शोध कार्य किया है।
शोधार्थी ने समसामयिक परिदृश्य पर 30 से अधिक कविताओं का मौलिक सर्जन किया है जो सभी कविताये समाचार-पत्रों में छप चुकी हैं। इनकी बचपन से ही साहित्य के सर्जनात्मक लेखन में विशेष लगन व रुचि थी। धुलचन्द मीना माध्यम किसान वर्ग परिवार से है |