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पेड-पौधा लगाने का किया आव्हान
भरतपुर(राजेन्द्र जती)। गणपति विसर्जन धूमधाम से ढोल नगाड़ों से गणेश विसर्जन के तहत विभिन्न संगठनों ने मुख्य बाजारों से गणेश जी की शोभायात्रा निकाली तत्पश्चात गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
लोगों की मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा एवं सेवा के बाद गणेशजी का विसर्जन किया जाता है,वैसे तो विसर्जन गणेश चतुर्थी के दिन किया जाता है लेकिन अधिकांशतया लोग 10 दिनों तक बप्पा की सेवा करने के बाद उन्हें विसर्जित करना पसंद करते हैं। कई लोग गणेश चतुर्थी के अगले दिन भी गणेश विसर्जन करते है जिसे डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन कहा जाता है। लेकिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विजर्सन की परंपरा सबसे ज्यादा प्रचलित है।
गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद यानी कि 11वें दिन अनंत चतुर्दशी को पूरे धूमधाम से गणपति विसर्जन किया जाता है। गणपति विसर्जन का महत्व हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य उनकी स्तुति के बिना अधूरा है। हिन्दुओं में गणेश वंदना के साथ ही किसी नए काम की शुरुआत होती है यही वजह है कि गणेश चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश के जन्मदिवस को देश भर में पूरे विधि-विधान और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
भगवान गणेश का जन्म उत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाताहै । 11वें दिन गाजे-बाजे, धूम धड़ाके के साथ विदा करके विसर्जित किया जाता है। गणपति का विसर्जन करते वक्त भक्त एक ओर बेहद खुश होते हैं वहीं भगवान की विदाई के क्षण में भावुक भी हो जाते है। विसर्जन के दौरान पूरा माहौल गणपति बप्पा मोरयाए अगले बरस तू जल्दी आना की ध्वनि से गूंज उठता है।
श्री दाता गणेश सेवक ट्रस्ट भंडारा समिति द्वारा 10 दिवसीय श्री गणेश महोत्सव के अंतर्गत गणेश विसर्जन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें श्री मोहन जी मंदिर किला के प्रांगण में गढ्ढा करके मिट्टी के गणेश जी का विसर्जन किया गया और उसमें बाद में बेल पत्र का पेड लगाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेयर नगर निगम शिव सिंह भोंट ने की, विशिष्ट अतिथि उद्योगपति लक्ष्मण गर्ग रहे। मेयर शिवसिंह भौंट ने कहा कि जो पहल धर्मप्रेमियों द्वारा शुरू की गई है वह एक पुण्य का कार्य है, मिट्टी की प्रतिमा ही सदैव प्रयोग में लेनी चाहिये इससे पर्यावरण शुद्ध रहेगा।
उद्योगपति लक्ष्मण गर्ग ने कहा कि विसर्जन के बाद पेड-पौधा लगाने से वातावरण में शुद्धता बनी रहेगी। कार्यक्रम में अध्यक्ष सुरेश शर्मा, सचिव रोहितास गोयल, देवेन्द्र मोदी, दिनेश अनुपम, विनय गर्ग सीए, दिनेश पाराशर, राजेश सर्राफ, कृष्ण राज सीनू, संजय लाला, भूप सिंह, प्रमोद बबलू, वीरेन्द्र खंडेलवाल, राजेन्द्र सिंघल, देवेन्द्र अग्रवाल, राकेश सिंघल, कृष्णा गोयल आदि मौजूद थे।