अमन ठठेरा की कलम से✍🏻✍🏻
आज हिंदुस्तान में कोरोना महामारी की दुसरी लहर ने तबाही मचा रखी हैं जिसमें केन्द्र सरकार व राख्य सरकारे और प्रशासन द्वारा कड़ा इम्तिहान देकर देश के हर नागरिक के जीवन बचाने में लगी हैं। लेकिन क्या केन्द्र सरकार और राज्य सरकारे और प्रशासन देश के प्रत्येक नागरिक को इस महामारी सें बचा पाएगी और प्रत्येक नागरिक के पास चिकित्सा उपकरण पहुच पाएंगे ?
यह कोरोना सिर्फ महामारी ही नही बल्कि यह आने वाले कुछ वर्षों में बेरोजगारी , गरीबी , भुखमरी, मंहगाई भी साथ ले के आई हैं। इस महामारी के दौर में कई लोग बेरोजगार हो गए तो कई जगह मंहगाई आसमान छु रही जिस के कारण गरीबों को एक वक्त का भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा हैं। क्या यह महामारी विकराल बन रही या फिर जनसंख्या ?
आज भारत की कुल आबादी 139 करोड़ हैं यह आकड़ा सिर्फ सरकारी है सूत्र बताते हैं कि 20 प्रतिशत के पास आधार कार्ड नहीं और 4 करोड़ बांग्लादेशी व 1 करोड़ रोहिंग्या अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। सरकार और प्रशासन इतनी बढी आबादी को कोरोना महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रहीं
लेकिन यह वैक्सीन सभी नागरिक के पास पहुचने में कितना समय लगेगा इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता ? क्या यह वैक्सीन सभी नागरिक के पास पहुच पाएँगी अंर कब तक ?
सरकार और प्रशासन के लिए यह महमारी विकराल रूप नहीं बल्कि यह आबादी विकराल रूप पैदा कर रहीं हैं? क्या मोदी सरकार भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर गंभीर नजर क्यो नही आ रही हैं ? आज भारत की जनसंख्ता की बात करे तो आने वाले समय में भारत दूसरे पाएदान से पहले पर पहुँच चीन को पीछे छोड़ देगा ।
भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं यह आँकडा इतना डरावना हैं कि भारत में भूखमरी, बेरोजगारी , गरीबी , अपराध भारत के हर क्षेत्र में देखने को मिलेगा। यहाँ तक बीजेपी सांसद ने कहा कि जनसंख्या विस्फोटक में जब यह आबादी 150 करोड़ के पार पहुंच जाएगी तब पीने का पानी मिलेगा ही नहीं। भारत में भूखमरी , बेरोजगारी , गरीबी , अपराध विद्यमान हैं और ऊपर से कोरोना महामारी और लाॅकडाउन ने भूखमरी , बेरोजगारी , गरीबी में बढोतरी कर दी ।
मुझे यूँ कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सभी समस्या की जड़ जनसंख्या में लगातार बढोतरी हैं और इसका समाधान जनसंख्या नियंत्रण कानून हैं। जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का जिक्र 2019 में राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने किया था इसके पश्चात जनसंख्या नियंत्रण को कानून बनाने के लिए 125 सांसद ने हस्ताक्षर भी किए।
लेकिन क्या मोदी सरकार दूसरी पारी में कड़े फैसले लेने में ढील क्यो दे रही ? वर्षो से लटके धारा 370 , राम मंदिर विवाद, तीन तलाक, CAA , NRC , नई शिक्षा नीति जैसे मुद्दो को आसानी से खत्म करने वाली सरकार का अगला कदम क्या होगा ? क्या जनसंख्या नियत्रंम कानून बनेगा या नहीं ? क्या भारत को आने वाली सभी समस्या से निजात मिलेगी या नहीं यह देखना बाकी ?