
Todaraisingh News । बीती रात मौसम की पहली तेज मूसलादार बरसात हाेने से बाजारों व गरियारों में पानी नदियां की तरह बहने लगा। बाहरी कोलोिनयों में पानी भर गया। यहां लाेगों के लिए आना जाना मुश्किल हो गया। इस सम्बंध में कई बार नगरपालिका प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, लेिकन ध्यान नहीं िदया जा रहा है।
इसी प्रकार कस्बा सहित आस पास के गांवों व समूचे उपखण्ड क्षेत्र में भी बीती रात तेज बरसात होने के समाचार मिले है। उपखण्ड क्षेत्र के अधिकांश जलाशयों में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। बीसलपुर बांध में लगातार बरसात होने से पानी की आवक बनी हुई हैँ, रात की बरसात के बाद बांध का गेज दोहपर बाद 312.82 आर एल हो गया है। ित्रवेणी का गेज एक मीटर चल रहा है।
बीसलपुर बांध के अधिशासी अभियंता आर सी कटारा ने बताया िक मानसून को शुरू हुए एक माह से ज्यादा समय हो गया, लेिकन अब तक बांध के जलग्रहण क्षेत्र में बरसात नहीं होने से बांध में पानी की आवक नहीं हुई है, लेिकन गुरूवार रात को हुई बरसात से बांध के केचमेंट एरिया में हाने से बांध में पानी की आवक बनी है।
पानी की खपत पर अधिशासी अभियंता कटारा ने बताया कि बीसलपुर बांध से जयपुर क्षेत्र को प्रतिदिन 591.44 एमएलडी, अजमेर क्षेत्र को 305.20 एमएलडी तथा टोंक क्षेत्र को 45.54 एमएलडी पानी प्रतिदन पेयजल आपूर्ति में दिया जा रहा है। जो उनको पेयजल आपूिर्त की पूरी क्षमता के अनुसार दिया जा रहा है। मानसून के आरंभ में बीसलपुर बांध में जलस्तर 312.97 आरएल मीटर था, जो 14 अगस्त को 312.82 के करीब हो गया।
बनास नदी पर बने जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के निर्माण के बाद 1999 से अब तक बांध के गेट पांच बार ही खुले है। 2016 में सबसे ज्यादा पानी की निकासी की जाने के बाद 219 में ज्यादा पानी की निकासी की गई। बांध के पहली बाद 2004 में भराव क्षमता से पानी आने पर पहली बाद गेट खोले गए थे, उस समय 24 टीएमसी पानी की निकासी की गई।
फिर 2006 में दूसरी बार गेट खोेलकर बांध की भराव क्षमता से दो गुने से अधिक पानी की िनकासी की गई। इसी प्रकार 2016 में बांध में पानी की आवक हुई तथा बांध बनने के बाद 2016 में 135 टीएमसी पानी की निकासी की गई जो अबतक की सबसे ज्यादा निकासी हुई है। पंाचवी बार 2019 में बांध भराव क्षमता से 94 टीएमसी पानी की निकासी की गई।