Todaraisingh News । मानसून का लगभग एक माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन राज्य का सबसे बडा जलस्त्राेत तथा लाइफलाइन कहलाने वाले बीसलपुर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में बरसात नहीं होने से बांध में पानी की आवक नहीं हो पा रही है। ऐसे हालात रहे तो बांध में बचा पानी वाष्पीकरण व अन्य कारणों के चलते करीब आधा पानी पेयजल के लिए शेष बचा रहेगा।
प्रतिदन लगभग दो सेमी पानी जलापूति में जा रहा है। बांध का मुख्य जल स्त्रोत नदी बनास तथा सहायक नदी डाई, खारी व अन्य नदियों में पानी की आवक नहीं होने से बांध का जलस्तर नहीं बढ़ पा रहा है। बीसलपुर बांध के अधिशासी अभियंता आर सी कटारा ने्र बताया कि मानसून को शुरू हुए एक माह से ज्यादा समय हो गया, लेकिन अब तक बांध के जलग्रहण क्षेत्र में बरसात नहीं होने से बांध में पानी की आवक नहीं हुई है। वहीं राजधानी जयपुर, अजमेर, टोंक सहित अन्य शहरों, कस्बो तथा गांवों में जहां बांध से जलापूिर्त हो रही है, वहां उनकी पूरी क्षमता से मांग के अनुरूप पानी दिया जा रहा है।
पानी की खपत पर अधिशासी अभियंता कटारा ने बताया कि बीसलपुर बांध से जयपुर क्षेत्र को प्रतिदिन 591.44 एमएलडी, अजमेर क्षेत्र को 305.20 एमएलडी तथा टोंक क्षेत्र को 45.54 एमएलडी पानी प्रतिदन पेयजल आपूर्ति में दिया जा रहा है। जो उनको पेयजल आपूिर्त की पूरी क्षमता के अनुसार दिया जा रहा है। मानसून के आरंभ में बीसलपुर बांध में जलस्तर 312.97 आरएल मीटर था, जो 27 जुलाई को 312.65 के करीब रह गया।
बनास नदी पर बने जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के निर्माण के बाद 1999 से अब तक बांध के गेट पांच बार ही खुले है। 2016 में सबसे ज्यादा पानी की निकासी की जाने के बाद 219 में ज्यादा पानी की निकासी की गई।
बांध के पहली बाद 2004 में भराव क्षमता से पानी आने पर पहली बाद गेट खोले गए थे, उस समय 24 टीएमसी पानी की निकासी की गई। फिर 2006 में दूसरी बार गेट खोेलकर बांध की भराव क्षमता से दो गुने से अधिक पानी की िनकासी की गई।
इसी प्रकार 2016 में बांध में पानी की आवक हुई तथा बांध बनने के बाद 2016 में 135 टीएमसी पानी की निकासी की गई जो अबतक की सबसे ज्यादा निकासी हुई है। पंाचवी बार 2019 में बांध भराव क्षमता से 94 टीएमसी पानी की निकासी की गई।