Omicron XE Variant : भारत में कोरोना वायरस के XE वेरिएंट की पुष्टि होने के बाद से तमाम हेल्थ एजेंसी और एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ गई है। इसके अजीब लक्षण ऐसे हैं कि संक्रमित होने के बाद भी मरीज को कुछ पता नहीं चलता। यह वेरिएंट आरटीपीसीआर जांच को भी बायपास करने या धोखा देने में सक्षम है। पेट दर्द, उल्टी से लेकर सिरदर्द भी इसके लक्षण में शामिल है। देश में जीनोम सिक्वेंसिंग को मॉनिटर करने वाली संस्था INSACOG ने XE वेरिएंट मिलने की पुष्टि करे हुए कहा है कि भारत में कोरोना का XE वेरिएंट आ चुका है। यह ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब वेरिएंट है, लेकिन ये वाला कोरोना दूसरे वेरिएंट के मुकाबले 10 गुणा तेजी से फैलता है। यह ज्यादा संक्रामक है।
कोरोना वायरस के नए XE वेरिएंट की भारत में एंट्री की पुष्टि करते हुए संस्थान ने अपने वीकली बुलेटिन में दावा किया है कि इसका पहला केस 19 जनवरी 2022 को ब्रिटेन में मिला था। इसके बाद वहां बेहद तेजी से संक्रमण फैला। अब भारत में कोरोना का XE वेरिएंट जैसा ज्यादा संक्रामक वेरिएंट मिलने से आने वाले दिनों में संक्रमण के नए मामलों में अधिक तेजी आ सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के BA.1 और BA.2 से ही मिलकर बना है। BA.2 के मुकाबले XE वेरिएंट 10 गुणा संक्रामक है। INSACOG के साप्ताहिक बुलेटिन में बताया गया है कि भारत में अभी कोरोना वायरस संक्रमण के जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें ओमिक्रॉन (BA.2) ही ज्यादा प्रभावी है। यह डोमिनेंट वेरिएंट है, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में लगातार कोरोना संक्रमितों में मिल रहा है। XE वेरिएंट के बारे में हालांकि अबतक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि XE के म्यूटेशन को ओमिक्रॉन वेरिएंट की तरह ही ट्रैक किया जा रहा है। फिलहाल XE में कोई खतरनाक या नया लक्षण नहीं देखा गया है। इस वायरस से संक्रमित होने पर बुखार, गले में खरास, खांसी, जुकाम, नाक बहना, शरीर दर्द, सिरदर्द, त्वचा में जलन और पेट दर्द या डायरिया की शिकायत हो सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि एक नया सब वेरिएंट होने के चलते आगे स्थिति बदल भी सकती है। बताया गया है कि ओमिक्रॉन के XE वेरिएंट के म्यूटेशन में बदलाव के चलते यह मजबूत इम्यूनिटी से बच निकलता है। इसकी संक्रामकता भी पहले से ज्यादा बढ़ी है। कोरोना की पहली, दूसरी या तीसरी लहर की चपेट में आए लोगों में यह री-इंफेक्शन का खतरा बढ़ा सकता है।
भारत में ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट के कारण ही कोरोना की तीसरी लहर आई थी। जनवरी 2022 में जब कोरोना पीक पर था, तब साढ़े तीन लाख मामले दर्ज किए गए थे। BA.1 और BA.2 से मिलकर बने XE वेरिएंट के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर XE वेरिएंट से कोरोना की चौथी लहर आती है, तो कोरोना संक्रमण के नए मामले बहुत तेजी से यथा 10 गुणा तेजी से बढ़ सकते हैं।