चैन्नई/ अपने स्वार्थ और पारिवारिक विवाद का बदला लेने के लिए परिवार के साथ मिलकर एक युवती ने युवक को रेप के आरोप में फंसा कर सलाखों के पीछे पहुंचा उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी लेकिन रेप के शिकार बनाए गए युवक ने हिम्मत से मुकाबला करते हुए डीएनए टेस्ट से खुलासा करा दिया कि उसने रेप नहीं किया और कोर्ट ने इस डीएनए टेस्ट के बाद चेन्नई कोर्ट ने युवक को रेप के आरोपों से बरी करते हुए रेप के आरोप में फंसाने वाली युवती को आदेश दिया कि वह युवक की जिंदगी बर्बाद करने के एवज में 15 लाख का मुआवजा देगी ।
यह था मामला
दरअसल बात नवंबर 2009 की है। जहां सचिवालय कॉलोनी थाना क्षेत्र में रहने वाला संतोष कुमार एक इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। संतोष के अनुसार तभी एक दिन एक लड़की की मां संतोष के घर पहुंची और उसने संतोष के माता-पिता से कहा कि उसने लड़की से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती कर दिया है। लड़की के परिजनों ने मांग की कि संतोष लड़की से विवाह कर ले।
जब संतोष ने शादी करने से इनकार कर दिया तो लड़की के परिजनों ने उस पर दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया। उसे गिरफ्तार किया गया और 95 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 12 फरवरी, 2010 को वह जमानत पर जेल से बाहर आया।
रेप का आरोप लगने पर संतोष का सारा करियर खराब हो गया। उसकी पढ़ाई छूट गई। वह एक वाणिज्यिक ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं प्राप्त कर सका और उसे एक कार्यालय सहायक के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां तक कि 7 साल तक चले इस केस में उसके करीब 2 लाख रूपए खर्च हो गए।
DNA टेस्ट से हुआ खुलासा, बरी
जब संतोष जेल से बाहर आया तो उस समय तक, कथित पीड़ित लड़की ने एक बच्ची को जन्म दे दिया। जिसे वह संतोष का बता रही थी। लेकिन संतोष मानने को तैयार नही था। संतोष ने बच्ची के डीएनए टेस्ट की मांग की तो कोर्ट के आदेश पर टेस्ट कराया गया। जहां साबित हुआ कि संतोष बच्ची का पिता नहीं है। इसी आधार पर चेन्नई की एक महिला अदालत ने दुष्कर्म के आरोप से संतोष को 10 फरवरी, 2016 को बरी कर दिया।
30 लाख रुपये मांगा हर्जाना
संतोष ने लड़की, उसके माता-पिता और मामले की जांच करने वाले सचिवालय कॉलोनी थाने के पुलिस निरीक्षक से हर्जाने के रूप में 30 लाख रुपये की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आधी रकम यानि 15 लाख रूपए देने आदेश दिया।
संपत्ति विवाद का लिया बदला
संतोष के वकील ए सिराजुद्दीन के अनुसार उनके मुवक्किल का परिवार और लड़की का परिवार काफी समय पहले पड़ोसी थे। वे एक ही समुदाय के थे। दोनों परिवारों के बीच संपत्ति विवाद चल रहा था। जिसके चलते कई बार मारपीट की नौबत भी आ चुकी थी। इसके बाद संतोष और उनका परिवार चेन्नई में सचिवालय कॉलोनी में शिफ्ट हो गया।
सूत्रों के अनुसार लड़की का कही प्रेम-प्रसंग चल रहा था जिसके चलते वही गर्भवती हो गई। घरवालों को पता चला तो हंगामा हुआ। बाद में लड़की और उसके परिजनों ने संतोष को फंसाने का प्लान तैयार किया। ताकि दबाव में संपत्ती विवाद हल हो सके।