भारत में सट्टेबाजी(Betting) व जुए का शौक लोगों के कई परिवार बर्बाद कर रहा है।
अगर समय रहते पुलिस कायर्वाही हो जाए तो सट्टेबाजी (Betting)के कारण ऐसी घटनाएं नही हो भविष्य में।
सट्टेबाजी (Betting)के कारण लाखों रुपये के कर्ज में डूबे 17 साल के किशोर ने मंगलवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर घटना की जांच की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचाया। किशोर के पिता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे को सट्टेबाजी(Betting) की दलदल में फंसा कर कुछ लोगों ने मरने पर मजबूर कर दिया है।
उसने आरोप लगाया कि उसके बेटे को कुछ लोगों ने फंसा कर उसे करीब चार लाख रुपये की देनदारी में फंसा दिया। पुलिस ने किशोर के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया।
कृष्णा कालोनी निवासी सुरेश सरदाना ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि उसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा 17 साल का पीयूष था। उसके पिता ने आरोप लगाया कि पीयूष सरदाना को सट्टेबाजों(Speculators) ने अपने चंगुल में फंसा लिया। देखते ही देखते चंद दिनों में उसे सट्टे लगवा-लगवा कर चार लाख रुपये का कर्जदार बना दिया। पीयूष के पास एक चवन्नी नहीं थी और उसका बाप अंडे की रेहडी लगाता है।
ऐसे में सट्टेबाजों (Speculators)का दबाव था कि चार लाख रुपये 15 जून मंगलवार को देने हैं। ऐसे में डर के मारे पीयूष ने भिवानी-रेवाड़ी रेल मार्ग पर वाशिंग लाइन के समीप मंगलवार सुबह ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
जीआरपी चौकी इंचार्ज एसआई धर्मवीर ने मौके पर पहुंच कर घटना की जांच की।