सोनिया,राहुल और प्रियंका को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज 

Dr. CHETAN THATHERA
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नई दिल्ली/ दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं और सुप्रीमो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की याचिकाएं खारिज कर दीं।

याचिका में गांधी परिवार ने आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़े मामले में आयकर विभाग के असेसमेंट मूल्यांकन ( कर निर्धारण) को सामान्य निर्धारण की जगह ‘सेंट्रल सर्किल’ में ट्रांसफर करने के विभाग के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने साफ कहा कि फेसलेस असेसमेंट कोई मौलिक या निहित कानूनी अधिकार नहीं है, जिसका करदाता दावा कर सकता है ।

दिल्ली हाईकोर्ट  ने संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, जवाहर भवन ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, यंग इंडियन और आम आदमी पार्टी की वे अलग-अलग याचिकाएं भी खारिज कर दीं। इन याचिकाओं में भी समान कानूनी मुद्दे उठाए गए थे।

गांधी परिवार ने इनकम टैक्स (आयकर विभाग)चीफ कमिश्नर की तरफ से आकलन वर्ष 2018-19 के लिए अपने मामलों को ‘सेंट्रल सर्किल’ में ट्रांसफर करने के संबंध में जारी आदेश को चुनौती दी थी ।

‘सेंट्रल सर्किल’ को टैक्स चोरी की जांच तथा इसकी रोकथाम का काम सौंपा गया है। वह तलाशी के दौरान जांच शाखा की तरफ से एकत्र किए गए सबूतों को अपने कब्जे में ले लेता है।

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा की याचिकाकर्ताओं के मूल्यांकन को कानून के अनुसार सेंट्रल सर्किल में ट्रांसफर कर दिया गया है।

वर्तमान रिट याचिकाएं खारिज की जाती हैं। गांधी परिवार की दलील थी कि उनका संजय भंडारी समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वाटेंड भंडारी के प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ, लंदन स्थित फ्लैट को लेकर कथित संबंध बताए जाते हैं। वाड्रा ने भंडारी के साथ कोई भी कारोबारी संपर्क होने से इंकार किया है।

आयकर विभाग ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दो बच्चों – राहुल और प्रियंका – के सभी असेसमेंट ( मूल्यांकन)-संबंधी मामलों को दिल्ली में विभाग के सेंट्रल सर्किल में भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी के खिलाफ जांच के साथ क्यों जोड़ा है? कोर्ट ने इस मामले में गांधी परिवार को आयकर प्रकोष्ठ के साथ सहयोग करने को कहा है।

दिलचस्प बात यह है कि सेंट्रल सर्कल 27, जो अब सोनिया, राहुल और प्रियंका के साथ-साथ उनके गैर-लाभकारी यंग इंडियन और राजीव गांधी फाउंडेशन के टैक्स फाइलिंग का रिवैल्यूएशन करेगा, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित मामलों को भी देख रहा है।

कांग्रेस का कहना है कि वाड्रा का अपना अलग काम है। पार्टी नेतृत्व का उनकी व्यावसायिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है । दो साल से अधिक समय पहले, IT विभाग ने गांधी परिवार के कंट्रोल वाले चेरिटेबल ऑगर्नाइजेश के असेसमेंट को सेंट्रल सर्कल 27 में ट्रांसफर कर दिया था।

विभाग का कहना था कि इससे संजय भंडारी के साथ ही वाड्रा के मामलों के असेसमेंट में उन्हें बेहतर समन्वय, प्रभावी जांच में मदद मिलेगी। बाद में, गांधी परिवार के पर्सनल असेसमेंट केस को उसी मंडली में ट्रांसफर कर दिया गया।

इसके बाद सवाल उठे कि क्या उन्हें भंडारी या वाड्रा से जोड़ा जा रहा है। दरअसल, दोनों (संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा) टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों का सामना कर रहे हैं।

रॉबर्ट वाड्रा 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से गुड़गांव और राजस्थान में कुछ अन्य मामलों में कथित भूमि सौदों के लिए जांच के दायरे में हैं।

उनका नाम बाद में लंदन और दुबई में संपत्तियों की कथित खरीद के लिए भंडारी के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था। ईडी के मुताबिक, भंडारी के कंट्रोल वाली संस्थाओं ने संपत्तियां खरीदीं। इन्हें,बाद में कथित तौर पर वाड्रा से जुड़ी संस्थाओं को ट्रांसफर कर दिया गया ।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम