बीएसई ने अपने ऑब्जर्वेशन लेटर में कहा, “अमेजन की शिकायतें, फ्यूचर रिटेल के जवाब और अमेजन की दलीलों के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित और पूरी हो चुकी पूरी कार्रवाई की जानकारी सूचीबद्ध इकाइयों के शेयरधारकों के संज्ञान में लानी होगी।” साथ ही सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर की भी पूरी जानकारी शेयरधारकों को दी जानी चाहिए। इन सभी मामलों पर शेयरधारकों से मंजूरी लेनी होगी। साथ ही एनसीएलटी को भी योजना की मंजूरी की पूरी जानकारी देनी होगी।
उल्लेखनीय है कि अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहयोगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने फ्यूचर ग्रुप का रिटेल कारोबारी 25,000 करोड़ रुपये में खरीदने का फैसला किया था। इस पर अमेजन ने आपत्ति दर्ज कराई थी। अमेजन के पास फ्यूचर ग्रुप की इकाई फ्यूचर कूपन प्रा. लि. की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। अमेजन ने सेबी से आठ बार कहा था कि वह इस डील को एनओसी न दे।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) पहले ही इस डील को स्वीकृति दे चुका है। सेबी की मंजूरी के बाद अब फ्यूचर ग्रुप को एनसीएलटी, कर्जदारों और अल्पसंख्यक शेयरधारकों से मंजूरी लेनी होगी।