रेल टिकट कैंसिल कराने के नाम पर सशिमं के शिक्षक से एक लाख की ऑनलाईन ठगी

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रायगढ़।मोबाइल से बुक किए ट्रेन टिकट को कैंसिल कराने के चक्कर में सरस्वती शिशु मंदिर का एक शिक्षक ऑनलाईन ठगी का शिकार हो गया।

शिक्षक को तकरीबन एक लाख का चूना लगाने वाले ठग ने एसबीआई कस्टमर केयर के नीचे अपना मोबाईल नंबर दे रखा है और टिकट के पैसे रिफंड कराने का झांसा देते हुए उसने शिक्षक से एक एप लोड कराते हुए उसकी जमापूंजी को उड़ा दिया। यह हाईटेक वारदात लैलूंगा की है।

सूत्रों के मुताबिक इंदिरा नगर, लैलूंगा में रहने वाला ललित राजपूत सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक है। बीते 4 अप्रैल को ललित ने मोबाइल से रेल टिकट बुक कराने के लिए एक्सिगो साईट खोलकर बिलासपुर से अहमदाबाद जाने 2 स्लीपर टिकट बनवाया।

ऑनलाईन रेल टिकट बनने के बदले ललित के एकाउंट से 8 हजार 2 सौ 34 रुपए कटे। फिर, यात्रा रद्द होने पर ललित ने 19 मई को एक्सिगो से ही दोनों टिकटों को कैंसिल कराया, लेकिन उसके खाते में पैसे रिफंड नहीं हुआ।

लिहाजा, ललित ने गूगल से एसबीआई के कस्टमर केयर का टोल फ्री नंबर सर्च कर फोन लगाया, मगर उसमें कस्टमर केयर में बात करने का ऑप्शन नहीं मिला।

इस दौरान ललित ने देखा कि कस्टमर केयर के नीचे एक मोबाइल नंबर 093391-33853 भी है। ललित ने जब अपने फोन से इस नंबर को डायल किया तो ट्रू कॉलर में सीमांतो-वेस्ट बंगाल दिखाया।

कॉल रिसीव करने वाले को ललित ने ट्रेन टिकट कैंसिल कर पैसे वापस नहीं होने की बात बताई तो शातिर ने चिकनी चुपड़ी बातों के जाल में फांसते हुए ललित से यूनो का यूजर आईडी और पासवर्ड पूछा।

यही नहीं, जालसाज ने ललित को यह भी कहा कि वह जैसा बता रहा है, वैसा करता जाए।

अज्ञात ठग ने फिर ललित को उसके मोबाइल में एक एप डाउनलोड करवाते हुए 15 से 20 मिनट उपाय बताते रहा।

इस बीच ललित को शंका होने पर उसने फोन कट कर अपना बैंक एकाउंट चेक किया तो खुलासा हुआ कि उसके खाते से 88 हजार 394 और 11 हजार 501 रुपए यानी कुल 99 हजार 895 रुपए का ट्रांजेक्शन हो चुका था।

अब माजरा समझ में आने पर बदहवास ललित ने जालसाज को दुबारा फोन लगाकर अपने एकाउंट से दो मर्तबे पैसे आहरित होने की शिकायत की तो उसने कहा कि बिना बताए तुमने फोन क्यों काट दिया। अगर पैसे वापस चाहिए तो इस बार फोन मत काटना।

फिर ललित ने जानबूझकर दुबारा फोन कटकर दिया कि कहीं उसका पूरा एकाउंट खाली न हो जाए, लेकिन तब तक उसे तकरीबन 1 लाख रुपये की ऑनलाईन चपत लग चुकी थी।

बहरहाल, हाईटेक धोखाधड़ी के शिकार ने अब थाने की शरण लेते हुए अपनी जमापूंजी को हड़पने वाले अज्ञात ठग के खिलाफ कानूनी करवाई की मांग करने बैंक स्टेटस भी निकलवा रहा है।

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