रिजर्व बैंक ने 5 बैंको से रूपये निकालने पर लगाई रोक

banks, now there is no need of ATM, cardless transaction soon, from today the timings of banks have also changed.

नई दिल्ली/ देश में कॉपरेटिव बैंक और सहकारी बैंक को के डूबने या उनके दिवालिया होने अथवा माली हालत खराब होने की खबरें और घटनाएं लगातार घटित हो रही है और इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के पांच सहकारी बैंक को की बिगड़ती वित्तीय हालत को देखते हुए इन बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए और इसी के साथ रिजर्व बैंक ने इन 5 बैंकों से रुपए निकालने पर भी रोक लगा दी है ।

यह रोक आगामी 6 माह तक रहेगी और रिजर्व बैंक की बिना अनुमति के यह किसी भी तरह का नया कर्ज ना तो दे सकेंगे और नहीं ले सकेंगे तथा किसी संपत्ति का स्थानांतरण या निपटान भी नहीं कर सकेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार ये प्रतिबंध समीक्षाधीन है अर्थातकी यह केंद्रीय बैंक आगे भी बैंकों के कामकाज की समीक्षा कर ही प्रतिबंध हटाने या बढ़ाने का निर्णय लेगा और अगर बैंकों की वित्‍तीय स्थिति में आरबीआई को सुधार नजर आएगा तो बैन हटा लिया जाएगा। आरबीआई ने स्‍पष्‍ट किया है कि इन बैंकों का लाइसेंस निरस्‍त नहीं किया गया है ।।

इन बैंकों पर लगा प्रतिबंध

जिन पांच बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया, उनमें HCBL सहकारी बैंक लखनऊ (यूपी), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), शिमशा सहकारी बैंक नियमिथा मद्दुर, (कर्नाटक) उरावकोंडा

को-ऑपरेटिव टाउन बैंक, उरावकोंडा, (आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) शामिल है।

HCBL सहकारी बैंक लखनऊ (यूपी), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), और शिमशा सहकारा बैंक नियमिथा मद्दुर, (कर्नाटक) के ग्राहक वर्तमान लिक्विडिटी की कमी के कारण अपने अकाउंट से पैसा नहीं निकाल सकेंगे।

ग्राहक खाते से कितने रूपये निकाल सकता  

उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक, उरावकोंडा, (आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) के ग्राहक अब बैंक में जमा अपने पैसे से केवल 5,000 रुपये तक ही निकाल सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ग्राहक के अकाउंट में चाहे कितनी ही राशि जमा है, वह केवल 5,000 रुपये ही अपने अकाउंट से निकाल सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार सभी पांच सहकारी बैंकों के पात्र डिपॉजिट, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपये तक जमा बीमा दावा की राशि हासिल करने के हकदार होंगे।