
Jaipur News।राजस्थान में अलवर, झुन्झुनू, राजसंमद और जैसलमेर के कॉपर, सिल्वर, गोल्ड, लाइम स्टोन व स्टीलग्रेड लाइमस्टोन आदि भण्डारों के नए ब्लॉकों में खनन के लिए नीलामी की कार्रवाई जल्दी ही शुरु की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने इस संबंध में अधिकारियों को आक्शन की कार्रवाई आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में नीलामी योग्य खनिज ब्लॉकों में उपलब्ध संभावित खनि संपदा के आधार पर रिअलाइन और रिडिजाइन करने के भी निर्देश दिए है।
उन्होंने बताया कि इससे आक्शन के दौरान अधिक प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा, वहीं इन क्षेत्रों में अवैध खनन पर भी रोक लग सकेगी।
अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय से केन्द्र सरकार द्वारा गठित संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए वर्चुअल मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। संयुक्त कार्य समूह में राज्य सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग के साथ ही केन्द्र सरकार के माइंस, जीएसआई, एमईसीएल आदि विभाग व उपक्रम शामिल है।
उन्होंने बताया कि अलवर के खेड़ा मुण्डियावास, राजसमंद के सिंदसर कालान, झुन्झुनू के गोथरा परसरामपुरा ईस्ट एवं वेस्ट के दो ब्लॉक, जैसलमेर के रामगढ़ आदि ब्लॉक ऑक्शन के लिए लगभग तैयार है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पोटाश के दो ब्लॉकों की रिपोर्ट एमईसीएल से प्राप्त होते ही इनकी नीलामी की कार्रवाई आरंभ की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में खनि संपदा के विपुल भण्डार है।
देश के अन्य खनि संपदा वाले प्रदेशों की तरह राज्य में खनि संपदा के खोज और खनन कार्य को गति देने के समग्र प्रयास करने होंगे जिससे खनिज संपदा के खोज व दोहन से प्रदेश को अधिक व लाभकारी राजस्व प्राप्त हो सके।
उन्होंने बताया कि राज्य के अधिकारियों के दल को उड़ीसा भेजकर वहां के मॉडल का अध्ययन करवाया जाएगा। राज्य में खनिज दोहन में केन्द्र व राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।
एमईसीएल के सीएमडी रंजीत रथ ने कहा कि पोटाश की खोज के दो ब्लॉकों की रिपोर्ट जल्दी ही तैयार कर उपलब्ध करा दी जाएगी।
उन्होंने एमईसीएल द्वारा राज्य में किए जा रहे खोज कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। बैठक में अन्य प्रदेशों द्वारा विशेषज्ञ नीलामीकर्ताओं की सेवाएं लेने का भी सुझाव दिए।