नई दिल्ली/ नीट 2020 का परिणाम घोषित हो चुका है, जिसमें इस साल ओडिशा के शोएब आफताब सबसे अव्वल रहें। शोएब आफताब ने नीट की परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर के इतिहास रच दिया है। शोयब ने राजस्थान के कोटा मे स्थित एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोंचिग की थी । इसके साथ ही शोएब आफताब के नाम एक और रिकार्ड दर्ज हो गया है।
दरअसल, शोएब आफताब NEET परीक्षा में पहले स्थान पर आने वाले ओडिशा के पहले छात्र भी बन गए हैं. इससे पहले किसी ने यह मुकाम हासिल नहीं किया है।
छात्र रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in. पर जाकर चेक कर सकते हैं. बता दें कि नीट देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है । इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने का मौका मिलता है । 13 सितंबर को यह परीक्षा अपने निर्धारित शेड्यूल के हिसाब से हुई ।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार शाम रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जारी दिया। एनटीए ने पहले ही नोटिफिकेशन भेजकर बता दिया था कि नीट का परिणाम 16 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। इसके साथ ही एनटीए ने फाइनल आंसर की भी जारी कर दी थी। बता दें कि नीट परीक्षा देश भर में 13 सितंबर को ऑफलाइन आयोजित हुई थी। इस परीक्षा के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से लगभग 90 फीसदी परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा दी थी।
अब होगी काउंसलिंग
नीट रिजल्ट के बाद 85 फीसदी मेडिकल व डेंटल सीटों पर प्रवेश के लिए नीट काउंसलिंग आयोजित करने को लेकर स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। परीक्षार्थी ऑल इंडिया कोटे की 15 फीसदी और स्टेट कोटे की 85 फीसदी सीटों के लिए आवेदन कर सकेंगे। 1ऑल इंडिया कोटे के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज, सेंट्रल और डीम्ड यूनिवॢसटी, एएफएमसी पुणे की सीटों पर दाखिला होता है। जबकि राज्य कोटे के तहत सरकारी व निजी मेडिकल, डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग आयोजित करेगी।
कोरोना काल में क्लियर हुए टॉपिक: शोएब
नीट परीक्षा में इतिहास रचने वाले एलन के छात्र शोएब ने बताया कि वह शुरू से ही इस परीक्षा को टॉप करने के लिए मेहनत कर रहा था। शोएब ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरूजनों को दिया है। शोएब का कहना है कि कड़ी मेहनत और नियमित अध्ययन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, मैंने शुरू से ही पढ़ाई की और कोरोना लॉकडाउन का पूरा फायदा उठाया।
कोरोना काल पढाई के लिए टर्निंग पोईंट साबित हुआ और कोटा आने के बाद एक बार भी वापस घर नहीं गया और यहीं रहकर पढता रहा। पहले जिन टॉपिक पर वह अटक रहा था उन टॉपिक को कोरोना काल में क्लियर कर दिया। कोरोना के चलते उसे पढने के लिए भी पूरा समय मिल गया और ऑनलाइन माध्यम से पढाई भी होती रही।
बता दें कि शोएब के पिता शेख मोहम्मद आफताब राउरकेला उडीसा में निवास करते हैं और कोटा में लॉक डाउन लगते ही शोएब ने फोन कर पिता को बता दिया था कि अब परीक्षा दिए बिना वह किसी भी हालत में वापस नहीं लौटेगा। शोएब की माता सुल्ताना रजिया ने जब भी फोन पर बात की उन्होंने मोटिवेट ही किया।
शुक्रवार शाम को निजी होटल में मीडिया के समक्ष आए शोएब ने बताया कि उन्हें भी इस परिणाम की उम्मीद नहींं थी और उन्होंने भी सिर्फ 700 अंक प्राप्त करने की ही उम्मीद थी। शोएब ने बताया कि उनका शुरू से ही मेडिसिन में रूचि रही है। अब वे दिल्ली एम्स से एमबीबीएस कर कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में है एमबीबीएस की कुल सीट- 2700
14 सरकारी कॉलेज और 8 प्राइवेट कॉलेज
प्राइवेट कॉलेजो कि सीटे कुल सीटे-1300
वही एम्स सहित 14 सरकारी कॉलेजों की सीटें – 1400