सहरसा/ राजनीतिक सूझबूझ से परिपक्व किन्नर खुशबू सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है।शहर के नया बजार राय टोला निवासी किन्नर खुशबू बचपन से ही थर्ड जेंडर हैं ।वह बताती है कि मैं पढीं लिखी तो नहीं हूँ, जिस कारण मुझे कोई काम धंधा तो नहीं कर सका।
लेकिन दूसरे को पढाने की लालसा के कारण अपने भतीजे को गोद लेकर पाल पोस रहें हैं। वहीं उसे पढा लिखा स्वयं के पैरों पर खड़ा होने लायक बना रहे हैं।वे बताती है कि पहले समाज में किन्नरों के प्रति हेय दृष्टि से देखते थे। लेकिन जबसे किन्नरों को वोट डालने की अनुमति मिली तब से समाज के सोच में भी परिवर्तन हुआ है।
उन्होंने बताया कि मैंने एक अफसर के यहां बीस वर्षों तक चूल्हा-चौका बर्तन साफ कर उनकी खूब सेवा की।वे इतने खुश हुए कि मुझे सरकारी नौकरी देने की पेशकश की। परन्तु में अनपढ़ होने के कारण अपने बदले भाई को नौकरी दे दी। उन्होंने अपने बारे में कहा कि मै तो लोगों से मांग कर गुजारा कर लेती हूँ ।उन्होंने बताया कि मेरे जीवन का एक ही मकसद है कि अपने गोद लिए बच्चे को खूब पढ़ा सकूं। उन्होंने बताया कि मेरा भतीजा भी मेरा खूब ख्याल रखते हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में मुझे सरकारी कैम्पों में अच्छी तरह रखा गया। जिसके लिए मै सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देती हूँ ।मतदान के संबंध में पूछे जाने पर उसने कहा कि मै अत्यंत गरीब हूं। एनडीए सरकार से मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त अनाज,गैस तथा पैसों की भी आर्थिक सहायता मिली है। जिस कारण मैंने भी एनडीए प्रत्याशी को मत देकर जीत दिलाई है। वे बताती है कि सरकारी सोच के कारण आज किन्नर भी सभी क्षेत्रों में आगे बढ रही है और इसके कारण कई किन्नर आज उच्च पदों पर आसीन हैं। वहीं राजनीति के क्षेत्र में भी अपना नाम कमा रही है।