100 निजी अस्पतालों की मान्यता रद्द, आखिर क्यों पढ़े खबर, भीलवाड़ा में भी यही हाल क्या, कौन जिम्मेदार

Dr. CHETAN THATHERA
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भोपाल/ निजी अस्पताल खोलने के लिए सरकार द्वारा मापदंड निर्धारित किए जाते हैं और उन मापदंडों को पूरा करने के बाद ही अस्पताल खोलने की अनुमति मिलती है इन मापदंडों में एक मापदंड है आग बुझाने के संसाधन लेकिन कई निजी अस्पताल कागजों में ही इन आग बुझाने के संसाधनों को दर्शा कर फर्जीवाड़ा करते हुए ।

अस्पताल खोलने की स्वीकृति ले लेते हैं और अस्पताल में दिखावे के रूप में कबाड़ संसाधन अग्निशमन के रख देते हैं इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर मध्य प्रदेश के जबलपुर ग्वालियर भोपाल सहित कई जिलों में करीब 100 अस्पतालों की मान्यता रद्द कर दी गई है ।

मध्यप्रदेश के जबलपुर और हमीदिया स्थित निजी अस्पतालों में अग्निकांड की घटनाएं घटित हो गई और हाल ही में जबलपुर में तीन मंजिला निजी अस्पताल में अग्निकांड मैं 8 रोगियों की मौत की घटना के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए और ताबड़तोड़ सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में निजी अस्पतालों की सघन चेकिंग अभियान शुरू किया और अभियान के दौरान

जबलपुर के 33 राजधानी भोपाल के 26 ग्वालियर में 19 सहित अन्य अस्पतालों में जांच के दौरान पाया कि आग से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम अग्निशमन उपकरण पर्याप्त मात्रा में नहीं थे और नहीं अलार्म काम कर रहे थे जबकि कई जगह फायर एग्जिट भी नहीं था इस पर सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऐसे सभी 100 अस्पतालों की मान्यता निरस्त कर दी है और उनका पंजीयन भी निरस्त कर दिया है।

राजस्थान के भीलवाड़ा में भी..

राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में भी बड़ी संख्या में निजी अस्पताल संचालित है और इन निजी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यंत्र तोता अलार्म काम कर रहे हैं या नहीं इसको लेकर संचय है कुछ दिनों पहले ही शहर के स्वास्तिक हॉस्पिटल में भी आग लगी थी इसी तरह बृजेश बांगर मेमोरियल हॉस्पिटल में भी न्यूरो विभाग में आग लगी थी इससे पूरा न्यूरो विभाग जल गया था इन स्थानों पर नगर परिषद की फायर बिग्रेड ने जाकर ही आग पर काबू पाया था ।

निजी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र है या नहीं आग बुझाने के उपकरण पूरी तरह से सारे उपकरण है या नहीं इसके निरीक्षण का काम नगर परिषद कि अग्निशमन शाखा का होता है इनके अनापत्ति प्रमाण के बाद ही खोलने की क्लीन चिट मिलती है भीलवाड़ा में इन दोनों अग्निकांड के बाद भी परिषद प्रशासन ने इस तरह का अभियान इन निजी अस्पतालों के लिए नहीं छोड़ा और नहीं निरीक्षण किया है कि निजी अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में अग्नि सामान्य यंत्र है या नहीं

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम