भोपाल/ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले मैं सरकारी सहायता से संचालित होने वाले शिशुगृह गौहरगंज मैं अपने माता-पिता से बिछड़े तीन मासूम भाई-बहनों को शिशुगृह के संचालक ने धर्म बदला कर इन्हें मुस्लिम बना दिया यही नहीं उनके दस्तावेजों तक में उनका धर्म बदलकर नाम तक बदल दिए।
शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष की पड़ताल में खुलासा हुआ है और इस खुलासे के बाद आयोग के अध्यक्ष ने संचालक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के साथ ही शिशुगृह के दस्तावेज जप्त कर लिए हैं ।
बताया जाता है कि कोविड-19 में लगे पहले लाॅकडाउन के दौरान तीनो भाई बहन जिनकी उम्र 4 से 8 साल के बीच में इनमें दो भाई और एक बहन है यह अपने मां बाप से बिछड़ गए थे और भोपाल की स्वयंसेवी संस्था एनजीओ मातृछाया को यह लावारिस हालत में नजर आए।
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इस पर उन्होंने बच्चों को बाल कल्याण समिति भोपाल के सामने पेश कर दिया लेकिन मामला रायसेन जिले का होने के कारण बाल कल्याण समिति भोपाल में यह मामला रायसेन बाल कल्याण समिति को हस्तांतरित कर बच्चों को सुपुर्द कर दिया बाल कल्याण समिति रायसेन ने इन तीनों बच्चों दोनों बहने और भाई को गोदी शिशुगृह गौहरगंज को तब तक के लिए सुपुर्द कर दिया।
जब तक इन बच्चों के माता-पिता नहीं मिल जाते। महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिशुगृह के संचालक हसीन परवेज से बच्चों की एसआईआर(SIR) रिपोर्ट मांगी और जांच से पता चला कि यह तीनों बच्चे हिंदू हैं लेकिन संचालक ने इनका नाम शाहरुख रुखसाना और सुहाना कर दिया है यही नहीं इन तीनों बच्चों के स्कूल और आधार कार्ड में भी मुस्लिम ही लिखा दिया गया है तथा केयरटेकर के रूप में स्वयं का नाम लिखाया मामले का खुलासा तब हुआ।
जब इसकी शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे और उन बच्चों से इनमें दोनों बहने और भाई से कानूनगो ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनके नाम दूसरे थे और वह हिंदू हैं।
लेकिन यहां के शिक्षक संचालक हसीन परवेज ने उनके नाम बदल दिए हैं इस पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने संचालक हसीन परवेज को जबरदस्त फटकार लगाते हुए शिशु गृह के सभी दस्तावेज जब तक करने के निर्देश देते हुए महिला बाल विकास विभाग को जांच कर संचालक हसीन प्रवेश के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं ।