अहमदाबाद । कोरोना काल में इस बार भी अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा आज निकाली गई। सुबह चार बजे से मंगला आरती के साथ पारंपरिक अनुष्ठान की शुरुआत हुई।
नंदी घोष रथ में भगवान जगन्नाथ, कल्पध्वज रथ में बहन सुभद्रा और तलध्वज रथ में भाई बलभद्र विराजमान रहे।
भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा के दौरान सरसपुर को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। हालांकि कोरोना के चलते कड़े इंतजामों के साथ रथयात्रा बिना श्रद्धालुओं के रवाना हुई।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंदिर परिसर में पारंपरिक सोने की झाड़ू से रथयात्रा का शुभारंभ कराया। पुराने अहमदाबाद में रथयात्रा के परंपरागत रूट पर कड़ा कर्फ्यू रहा। 500 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकियां बनाई गई हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह 4 बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की और मंदिर परिसर में गजराज के दर्शन किए और फिर जगन्नाथ मंदिर से निकल गए। भगवान को इस साल मराठी वस्त्रो में सुसज्जित किया गया है।
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा आदि इस मौके पर मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना के कारण मंदिर परिसर में ही भगवान की रथयात्रा को पुनर्जीवित किया गया था। रथ के रवाना होने के बाद मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आज शुरू हो गई है।
भगवान भला करे और हम जल्द ही कोरोना महामारी से बाहर निकले। आइए सबसे पहले गुजरात को कोरोना मुक्त करने वाले भगवान का आशीर्वाद लें। कच्छ का नया साल आज से शुरू हो रहा है। इसके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।
रथ के पूरे मार्ग में विभिन्न स्थानों पर सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 15 ड्रोन कैमरों द्वारा निगरानी की जाएगी। रथयात्रा के निर्धारित मार्ग पर किसी भी स्थान पर प्रसाद वितरण या स्वागत समारोह पर रोक के लिए रोका नहीं जाएगा ।
दूसरी ओर परंपरागत भावनगर में भी केवल पांच वाहनों वाली रथयात्रा इस साल राजमार्गों पर निकलेगी ।
इतिहास में पहली बार कर्फ्यू के साथ भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा सिर्फ पांच घंटे में पूरी होगी। बिना किसी हंगामे के कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच रथयात्रा शुरू हुई। राज्य मंत्री विभावरीबेन दवे सहित राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी में रथयात्रा शुरू हुई।