देहरादून/ उत्तराखंड में भाजपा की तीरथ सिंह रावत सरकार के सामने एक बार फिर संवैधानिक संकट खड़ा हो जाने के कारण 4 माह पहले ही मुख्यमंत्री का ताज पहनने वाले तीरथ सिंह रावत ने आज भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश कर दी है ।
रावत के इस्तीफे की पेशकश के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने आनन-फानन में कल एक बैठक आहूत की गई है जिसमें नए मुख्यमंत्री का फैसला होगा।
मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि आर्टिकल 164 ए के अनुसार ने मुख्यमंत्री बनने के 6 महीने में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है।
लेकिन आर्टिकल 151 के अनुसार अगर विधानसभा चुनाव में 1 वर्ष से कम समय का समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं करा सकते उत्तराखंड में संवैधानिक संकट खड़ा ना हो इसलिए मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहता हूं ।
उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कल होने वाले विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक के रुप में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को देहरादून भेजा गया है।
विदित है की तीरथ सिंह रावत ने मार्च माह के महीने में ही मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था और वह पौडी से भाजपा के सांसद हैं । नियमों के तहत 6 माह के अंदर अंदर उनको विधानसभा का चुनाव लड़कर विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करना जरूरी है और 10 सितंबर को यह 6 माह पूरे हो रहे हैं इसी के साथ ही उत्तराखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होकर चुनाव प्रस्तावित हैं और कोरोनावायरस को देखते हुए।
10 सितंबर से पहले उपचुनाव कराना भी संभव नहीं है और इस तरह संवैधानिक संकट को देखते हुए तीरथ सिंह रावत ने अपना इस्तीफा की पेशकश की है और संभवत या रावत कल राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा और विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री का चयन कर उससे मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जाएगी इस दौड़ में सतपाल महाराज आगे बताए जाते हैं ।
धन सिंह रावत भी दौड मे है । सतपाल महाराज और धन सिंह को दिल्ली बुलाया गया है।