
बिहार/ प्रदेश के आरा शहर के धर्मन चौक के चर्चित हत्याकांड के मामले में आज आरा शहर के एडीजे-9 मनोज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो भाइयों सहित 10 जनों को फांसी की सजा सुनाई साथ ही अलग-अलग धाराओं में कुल ₹260000 का अर्थदंड भी इन पर लगाया गया इन सभी आरोपियों को 9 मार्च को दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर सभी को जेल भेज दिया गया था
अपर जिला और सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार के कोर्ट ने सभी आरोपितों को हत्या, आपराधिक षडयंत्र, आर्म्स एक्ट और रंगदारी के लिए भय पैदा करने में दोषी पाया था। इस मामले में एपीपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने अभियोजन की ओर से बहस की थी। 24 मार्च को ही सजा सुनाई जानी थी।
विदित है कि छह दिसंबर 2018 को दिनदहाड़े आरा के धर्मन चौक स्थित शोभा मार्केट में अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। उसमें दूध कटोरा निवासी बैग कारोबारी इमरान खान की मौत हो गई थी। इमरान के भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गए थे। उसे लेकर अकील अहमद के बयान पर टाउन थाने में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
उसमें कहा गया था कि उससे दस लाख रुपए रंगदारी की मांग की गयी थी। पैसे देने से इनकार किया तो आरोपितों द्वारा उन पर अंधाधुंध गोली चलाई गई। उसमें इमरान की मौत हो गई, जबकि उनके भाई अकील अहमद और एक कर्मी जख्मी हो गए थे।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने भादवि की धारा 387/34, 302/34, 307/34,120 (बी ) एवं 27 आर्म्स एक्ट तहत खुर्शीद कुरैशी उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी, नजीरगंज के राजू खान, रौजा मोहल्ला के अनवर कुरैशी, मिल्की मोहल्ला के अहमद मिंया, खेताड़ी मोहल्ला के बबली मियां, तौशिफ आलम व फुचन उर्फ फुकन मियां, रोजा के गुड्डू मियां व अबरपुल मुहल्ला शमशेर मियां को दोषी करार दिया था। सभी को फांसी की सजा सुना दी गई।