
हिमालय प्रदेश / राष्ट्रीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. वल्लभ भाई कथेरिया ने कहा की जब गाय नहीं बचेगी तो धर्म कैसे बचेगा और बिना धर्म के सभ्यता कहां बचेगी ।
हिमालय प्रदेश के हमीरपुर जिले के दयोट् सिद्ध मंदिर मे गाय से रोजगार की तलाश पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण व कार्यक्रम के पहले दिन आज कार्यक्रम मे कथेरिया ने उक्त विचार व्यक्त किए । इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश के 15 राज्यों से करीब डेढ़ सौ पदाधिकारी सम्मिलित हो रहे हैं ।
कथेरिया ने कहा कि जब गाय ही नहीं बचेगी तो धर्म केसे बचेगा और बिना धर्म के सभ्यता कहा बचेगी हम गाय को नहीं बचा रहे हैं गाय अपने को व अपने समाज को बचा रही है इस अवसर पर गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि गाय का स्थान गोशाला में नहीं अपने घर पर है । भीलवाड़ा से आए राघव सोमानी ने बताया की गाय अपने संस्कृति का मूल मंत्र है अगर गाय नहीं बची तो बचेगा क्या ? इस अवसर पर सोमानी ने कहा की आज पूरे विश्व में भारतीय नस्ल की गाय की इतनी मांग हो रही है । समाज सेवी सोमानी ने बताया कि गाय का गोबर और गोमूत्र से आज लाखों का व्यापार हो रहा है आज युवा जो बेरोजगारी की बात कर रहा है वो आए हमारे साथ ओर गाय के गोबर पर काम करें एक गाय से बिना दूध बैचे साल में कम से कम पचास हजार रुपए कमा सकते हैं यह बातें भी प्रशिक्षण में सिखाई जा रही है
अन्त में हिमाचल गोसेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष व आयोजक रसीकसिह मनकोटिया ने आभार प्रकट किया चडिगढ से आए पंकज ठाकुर ने कहा कि वो बहुत सी युनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं तो उनके साथ गोमाता को भी जोडेगै । कार्यक्रम को पूणे की।डाॅ. गीताजंली ने भी संबोधित किया ।