कोविड से कैसे सुरक्षित रहें जच्चा-बच्चा : डॉ0 सतीश चंद्रा

Dr. CHETAN THATHERA
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फर्रुखाबाद। कोविड-19 (COVID-19) के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती की सेहत का पूरा ख्याल है। गर्भवती व गर्भस्थ शिशु (pregnant and pregnant) पर कोई आंच न आये, इसके लिए समय समय पर आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र (Health Center) पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है।

जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज, शमसाबाद में सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस दौरान जिले में बनाये गए नोडल अधिकारियों ने स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण कर सम्बंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच हो इसके दिशा निर्देश दिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सतीश चंद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान केंद्र सरकार की एक पहल है, इसमें हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की पूर्ण जांच की जाती है। इसके जरिये पता लगाया जाता है कि कहीं कोई गर्भवती उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में तो नहीं है।

सीएमओ ने कहा कि इस कोविड-19 के दौरान गर्भवती बाहर से आने वाले लोगों से न ही मिले तो अच्छा होगा, अगर मजबूरी है तो मास्क और सामाजिक दूरी का पालन जरुर करे|इस समय जितना अपने मन को खुश रखे यह उसके और गर्भस्थ शिशु के लिए बेहतर होगा।

एसीएमओ आरसीएच डॉ0 दलवीर सिंह ने कहा कि कि कोरोना वायरस से बेहद सचेत रहने की जरूरत है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए कोरोना से डरें नहीं बल्कि सजगता से कोरोना से बचाव करें।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शिव प्रकाश ने बताया कि यहां 144 गर्भवती का परीक्षण किया गया। इसमें से 11 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था की मिली। जो महिलाएं एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) चिन्हित हुई है, वह संस्थागत प्रसव ही करायें, इसके लिए उनके परिवार को समझाया गया।

इस दौरान गर्भवती महिलाओं की जांच कर रहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 मधु अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की जरूरत है। वहीं कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपर टेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं। इसे प्री एक्लेम्शिया कहते हैं। ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो सकती है। वहीं कई बार डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को झटके आने लगते हैं। एक्लेम्शिया का पूरी तरह से इलाज किया जाना चाहिए।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक कंचन बाला ने सीएचसी कायमगंज में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच के दौरान बताया कि स्वास्थ्य विभाग का भरसक प्रयास रहता है कि किस तरह से जच्चा और बच्चा को सुरक्षित रखा जाये इसके लिए समय समय पर अभियान चलाकर और आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है ।

इस दौरान अपनी जांच कराने आई मेहंदीबाग की निवासी शालिनी (09 माह) 29 वर्षीय ने कहा कि मेरा पहला बच्चा आपरेशन से हुआ था अब दूसरा बच्चा भी उल्टा है उसके लिए भी आपरेशन बताया है इसके लिए मैं लोहिया अस्पताल में अपना प्रसव कराऊंगी ।

इस दौरान जनपदीय क्वालिटी सलाहकार डॉ शेखर यादव, स्टाफ नर्स वर्षा तथा गर्भवती महिलाएं मौजूद रहीं।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम