देश के 10 प्रदेशों में हिन्दू हुए अल्पसंख्यक, सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र ने…

Dr. CHETAN THATHERA
2 Min Read
File Photo - SUPRME COURT

नई दिल्ली/ देश के विभिन्न राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने पर चल रही बहस के बीच केंद्र सरकार ने अपना जबाव स्पष्ट किया है । केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य सरकारें अगर चाहें तो अपनी सीमा में हिंदू समेत किसी भी समुदाय को आंकड़ों के आधार पर अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं।।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में दी। अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग अधिनियम-2004 की धारा-2 (एफ) की वैधता को चुनौती दी है।

उपाध्याय ने अपनी अर्जी में कहा कि यह धारा केंद्र को अकूत शक्ति देती है, जो साफ तौर पर मनमाना, अतार्किक और आहत करने वाला है । उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए गाइडलाइन तय करने का निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के कम से कम 10 राज्यों में हिन्दू भी अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें अल्पसंख्यकों की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि हिंदू, यहूदी, बहाई धर्म के अनुयायी उक्त राज्यों में अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना कर सकते हैं और उन्हें चला सकते हैं । मंत्रालय ने कहा कि राज्य के भीतर अल्पसंख्यक के रूप में उनकी पहचान से संबंधित मामलों पर राज्य स्तर पर विचार किया जा सकता है ।
सुप्रीम कोर्ट में सौंपे अपने जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘यह (कानून) कहता है कि राज्य सरकार भी राज्य की सीमा में धार्मिक और भाषायी समुदायों को अल्पसंख्यक समुदाय घोषित कर सकती हैं ।

मंत्रालय ने कहा, ‘उदाहरण के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की सीमा में ‘यहूदियों’ को अल्पसंख्यक घोषित किया है जबकि कर्नाटक सरकार ने उर्दू, तेलुगु, तमिल, मलयालम, मराठी, तुलु, लमणी, हिंदी, कोंकणी और गुजराती भाषाओं को अपनी सीमा में अल्पसंख्यक भाषा अधिसूचित किया है।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम