नई दिल्ली/ गुरुग्राम से नगर निगम के वार्ड का निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत के बाद अब पार्टी में शामिल हुई पूर्व पार्षद निशा सिंह को कोर्ट ने दंगा भड़काने के आरोप में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा और ₹10000 के अर्थदंड से दंडित किया है। कोर्ट ने निशा सिंह के अलावा 10 अन्य महिलाओं सहित 14 जनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
घटनाक्रम के अनुसार 15 मई 2015 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की टीम पुलिस टीम के साथ सेक्टर 47 झिमर बस्ती में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी । आदेश के अनुसार वकील खजान सिंह प्रदीप जैलदार और निशा सिंह ने भीड को टीम पर हमला करने के लिए उकसाया इसके बाद भीड़ ने प्राधिकरण और पुलिस टीमों पर पत्थर पेट्रोल बम और एलपीजी सिलेंडर फेंके इस घटना में ड्यूटी मजिस्ट्रेट सहित 15 जने घायल हो गए थे।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोना सिंह ने सुनवाई के बाद 17 आरोपियों में से 7 पर विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था । निशा सिंह को आईपीएस की धारा 114 के तहत दोषी ठहराया गया ।
माननीय न्यायधीश में इस मामले में निशा सिंह समेत 17 लोगों को 7 से 10 साल की सजा सुनाई है जिसमें 10 महिलाएं हैं निशा सिंह के अलावा इस घटना में शामिल सभी ग्रामीण महिला हैं अदालत ने निशा सिंह समेत सभी 10 महिलाओं पर 10 ₹10000 का जुर्माना लगाया है वहीं अन्य 7 लोगों पर भी ₹29–20 हजार का जुर्माना लगाया है ।
न्यायाधीश ने आदेश में स्पष्ट किया है कि अगर कोई आरोपी जुर्माना नहीं देता है तो उसकी सजा 2–3 साल के लिए बढ़ा दी जाएगी।
कौन है निशा सिंह
निशा सिंह आप पार्टी में शामिल होने से पूर्व मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री ली थी इसके बाद निशा ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए(MBA) भी किया अपनी पढ़ाई के बाद में भारत लौटी और गूगल जैसी बड़ी कॉरपट कंपनी में नौकरी की कुछ दिन गूगल में काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गई ।
साल 2011 में गुरुग्राम नगर निगम के वार्ड संख्या 30 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और वह पार्षद बन गई पार्षद बनने के बाद निशा सिंह आप पार्टी में शामिल हो गई थी।