सुपरटेक टावर्स ट्विन टॉवर्स 32 मंजिला कल होंगे 12 सैंकेड में धराशाही,क्या है मामला जानें

Supertech Towers Twin Towers 32-storey will be demolished in 12 seconds tomorrow, know what is the matter

नई दिल्ली/ कहते हैं अपने देश में कानून से ऊपर कोई नहीं है चाहे वह कितना ही बड़ा रसूखदार हो और इसका ताजा उदाहरण कल दोपहर में देश की जनता देखेगी जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नोएडा में नियम विरुद्ध प्लान में बदलाव कर बनाए गए 40 मंजिला और 32 मंजिला सुपरटेक ट्विन टॉवर्स धरा शाही होंगे इसके लिए पूरी तैयारी इंजीनियरों द्वारा कर ली गई है और यह दोनों टावर मात्र 12 सेकंड में रिमोट का बटन जाते ही मलबे में तब्दील हो जाएंगे।

साल 2004 में नोएडा प्रशासन ने सेक्टर 93A में एक हाउसिंग सोसायटी बनाने के लिए सुपरटेक को जमीन आवंटित की थी इस जमीन पर कंपनी अपेक्स टावर और सेयेन टावर बनाने के लिए अपनी कार्रवाई शुरू की और 2005 में कंपनी ने इसका भवन प्लान में दिया था।

इस पर प्रशासन ने 10 मंजिल के 14 टावर बनाए जाने की अनुमति दी थी लेकिन 2006 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव करके 11 मंजिल की 15 टावर बना लिए उसके बाद सुपर टेट ने फिर नवंबर 2009 में प्लान में बदलाव करके 24 मंजिल के दो जुड़वां टावर शामिल कर लिए अपेक्स और सैयेननका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया।

मार्च 2012 में सुपरटेक ने नियमों की अनदेखी और आगे ना करते हुए 24 मंजिल को बढ़ाकर 40 मंजिल कर लिया सेयेन व टावर्स को 32 मंजिल कर दिया था । जब रोग लगी तब तक अपडेट के 633 फ्लैट बुक हो चुके थे । 40 मंजिला अपेक्स टावर में हर फ्लोर पर 14 टावर है जबकि 32 मंजिला सेयेन टावर मैं हर फ्लोर पर 12 स्टूडियो अपार्टमेंट है।

प्लान में बदलाव का नियम विरुद्ध बनाए गए इन दोनों टावरों के खिलाफ दिसंबर 2012 में इमेराल्ड हाउसिंग सोसाइटी के लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे और दलील दी गई कि गार्डन एरिया चित्र में दो अवे टावर बना लिए गए हैं इस पर अप्रैल 2014 में हाईकोर्ट में पूरे मामले की दलीलें और अनुसंधान के बाद दोनों टावर्स गिराने के आदेश दिए और इस आदेश के साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जिन्होंने इन दोनों टॉवर्स में फ्लैट बुक करा लिए हैं उन्हें सुपर टेक कंपनी 14% ब्याज के साथ जमा कराई हुई राशि लौट आएगी।

सुपर टेक कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को फैसला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रखा और नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया कि 3 महीने में इन दोनों टावर स्कोर गिराया जाए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर नोएडा अथॉरिटी ने फरवरी 2022 में सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामा देते हुए 22 मई तक दोनों टावर गिराने का काम पूरा करने का आश्वासन दिया था और इसके बाद नोएडा अथॉरिटी प्रशासन ने इसकी कार्यवाही शुरू कर दी थी और 28 अगस्त 2022 को दोपहर में इन्हें गिराने का समय निर्धारित कर दिया।

इन दोनों टॉवर्स को गिराने के लिए इंजीनियर उन्होंने आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया है और 35 मिली मीटर के 9600 घंटे बनाए हैं तथा 3700 किलो विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जाएगा इसे गिराने के लिए बड़ी सावधानी बरती गई है यह दोनों टावर रिमोट का बटन दबाते ही 12 सेकंड में मलबे में तब्दील हो जाएंगे इसके आसपास गैस लाइन और अन्य सोसायटी में रहने वाले लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है।