पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की दिशा में त्वरित पहल

State government should implement Journalist Protection Act, journalists expressed their anger in the meeting of IFW,

नई दिल्ली/ देश के छत्तीसगढ़ राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की दिशा में तेजी से पहल की जा रही है और बजट सत्र में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने प्रस्ताव लाया जाएगा।

राजधानी रायपुर में आयोजित फेडरेशन ऑफ पीटीआई एम्प्लाइज यूनियन्स के नेशनल मीडिया कॉन्फ्रेंस मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी जानकारी दी।

उन्होंने इस अवसर पर पीटीआई के तत्वाधान में प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन भी किया। कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि योजना संचालित है। इस योजना में पत्रकारों को दी जानी वाली राशि को बढ़ाकर हमने दो गुना कर दिया है।

राज्य में नए अधिमान्यता नियमों के अंतर्गत मीडिया संस्थानों में अधिमान्यता कोटा भी दोगुना कर दिया गया है। सीएम ने कहा कि अब राज्य स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक अधिमान्यता दी जा रही है। पत्रकारों को गंभीर बीमारी के इलाज आदि के लिए आर्थिक सहायता प्रदाय की जाती है।

विदित है की राजस्थान में भी विभिन्न पत्रकार संगठनों द्वारा लगातार राज्य सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की जा रही है और समय-समय पर पत्रकार संगठनों द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर ज्ञापन भी सरकार और मुख्यमंत्री को दिए गए हैं ।

और उनसे भेंट करके उनको अवगत भी कराया गया तथा गहलोत सरकार के इस अंतरिम बजट में एक उम्मीद थी कि शायद पत्रकार सुरक्षा कानून इस विधानसभा सत्र में लाया जाएगा लेकिन पत्रकारों की यह उम्मीद पर एक बार फिर निराशा में बदल गई है।