नई दिल्ली/ देश में आतंकवादियों को आर्थिक मदद करने तथा सहयोग देने और संबंध रखने के मामले में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की एक महिला अधिकारी सहित 4 सरकारी कार्मिकों को नौकरी से तत्काल प्रभाव से निकाल दिया है और अब तक ऐसे मामलों में 40 कार्मिकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद सरकार को( अभी वहां राष्ट्रपति शासन है और उपराज्यपाल के हाथ शासन है) को लगातार पुख्ता जानकारियां मिल रही थी कि सरकार के उच्च अधिकारी और कार्मिक आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों को आर्थिक मदद देने के साथ ही सहयोग दे रहे और उनसे संबंध बनाए हुए हैं इस पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आर्टिकल 311( इस आर्टिकल में सरकार बिना किसी जांच के अपने कर्मचारी को नौकरी से निकालने की शक्तियां है) के तहत कार्रवाई करते हुए।
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह -उल- अर्जमद खान जो 2011 बैच की जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा(JKAS) की अधिकारी है तथा इसके अलावा वैज्ञानिक मुहीत अहमद भट्ट , कश्मीर विश्वविद्यालय के सीनियर सहायक प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी और पाकिस्तान से संचालित हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन के बेटे सैयद अब्दुल मुईद शामिल है ।
मुईद इंस्टिट्यूट मे मैनेजर बताया जाता है ।। बताया जाता है कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे के पत्ते पर पासपोर्ट बनवाने में झूठी जानकारी देने का आरोप है इसके साथ ही विदेशी लोगों के साथ संबंध होने का भी आरोप है जिन से भारत को खतरा है यही नहीं उन पर प्रतिबंधित जेकेएलएफ के लिए धन जुटाने का भी आरोप है ।
हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन के दो बेटे सैयद अहमद शकील और शाहिद यीशु को पिछले साल ही सरकारी सेवा से इन मामलों में सम्मिलित होने के कारण नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है और तीसरे बेटे सैयद अब्दुल मुईद पर पंप में जम्मू और कश्मीर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (JKEDI) पर हुए कथित रूप से तीन आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है।
मुईद इसी इंस्टिट्यूट में मैनेजर है वही वैज्ञानिक डॉक्टर मुहित अहमद भट्ट पर आरोप है कि वह पाकिस्तान के साथ मिलकर छात्रों को कट्टरपंथी बनाकर विश्वविद्यालय में अलगाववादी आतंकवादी एजेंडे के प्रचार में शामिल है तथा कश्मीर विश्वविद्यालय के सीनियर सहायक प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी पर प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा संहित आतंकवादी संगठनों के साथ लंबे समय से संबंध होने का आरोप है इस तरह जम्मू कश्मीर मैं अब तक 40 कर्मचारियों जिनमें अधिकारी भी हैं को ऐसी गतिविधियों के कारण सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।
अन्य राज्यों में भी सरकारी कार्मिको पर..
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार और सरकार देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह आतंकवादी संगठनों और देशद्रोही संगठनों को आर्थिक मदद करने सहयोग करने और उनसे संबंध रखने जिनसे देश और राज्यों को खतरा है वाले सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों पर कार्रवाई करते हुए नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने का मानस बना रही है ।