कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव- नेता तिवारी ने निष्पक्ष चुनाव पर उठाए सवाल , 40 साल मे दो बार ही हुए.., पढ़े पूरी ख़बर

Dr. CHETAN THATHERA
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नई दिल्ली/ देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जहां कार्यक्रम घोषित हो चुका है वहीं दूसरी ओर इस चुनाव की निष्पक्षता को लेकर कांग्रेस के ही वरिष्ठ और सांसद नेता मनीष तिवारी ने सवाल खड़े कर चुनाव प्रणाली को संदेह में डाल दिया है और अब तक 70 साल के कांग्रेस के इतिहास में अध्यक्ष पद पर गांधी नेहरू परिवार का ही वर्चस्व रहा है पिछले 40 सालों के दौरान अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ दो बार ही चुनाव हुए हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने चुनाव की निष्पक्षता पर क्या उठाए सवाल और क्यों किया कटघरे में खड़ा आगे पढ़ें पूरी खबर और जाने।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पीसीसी के(PCC) प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के सभी 9 से 10 हजार सदस्यों के नामों को सार्वजनिक करने की मांग की है तिवारी का कहना है कि पीसीसी के सभी सदस्यों के नाम कांग्रेस की मुख्य वेबसाइट www.inc.in पर प्रकाशित किया जाए। तिवारी को आशंका है कि गांधी परिवार या उनके पैर भी प्रत्याशी के अलावा कोई चुनाव लड़ने की कोशिश करेगा तो तकनीकी आधार पर उसका नामांकन खारिज किया जा सकता है इनमें सबसे मजबूत आधार हो सकता है कि प्रत्याशी का नाम बढ़ाने वाले प्रस्ताव का नाम मतदाता सूची में ही नहीं हो
10 में से किसी भी एक प्रस्तावक को पीसीसी से बाहर का बता कर नामांकन खारिज किया जा सकता है ।

कांग्रेस के सभी पीसीसी सदस्यों के नाम अभी तक औपचारिक रूप से घोषित नहीं हुए हैं सांसद मनीष तिवारी तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) केबी चुनाव की मांग कर रहे हैं उनका कहना है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के पिछले 50 सालों में सिर्फ दो बार ही चुनाव हुए हैं और इन दोनों ही मौकों पर नेहरू गांधी परिवार से बाहर का कोई भी व्यक्ति सत्ता में न था ऐसे में मनीष तिवारी का मानना है कि चुनाव लड़ने की स्थिति में पीसीसी सदस्य को किसी खास को ही वोट देने के लिए कहा जा सकता है।

कांग्रेस का पूरा प्रारूप क्या है और कौन-कौन सकता है राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष को AICC – ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी,CWC – कांग्रेस वर्किंग कमेटी,PCC प्रदेश कांग्रेस कमेटी और फिर जिला कांग्रेस कमेटी तथा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी यह पांच तक कांग्रेस के होते हैं ।

कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 11 के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गोपनीय मतदान के जरिए पीसीसी मैं अपना प्रतिनिधित्व करती है ऐसे सभी प्रतिनिधि पीसीसी के सदस्य होते हैं इस समय कांग्रेस की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ओ अर्थात पीसीसी में करीब 9 से 10000 सदस्य हैं । कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 13 के अनुसार सभी पीसीसी सदस्य स्वयं में से 1/8 सदस्यों को प्रपोशनल रिप्रजेटेंशन सिस्टम( प्रतिनिधित्व तरीका) के सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के जरिए चुनकर एआईसीसी (AICC) में भेजते हैं । एआईसीसी कांग्रेसका राष्ट्रीय संगठन है और इसमें वर्तमान में करीब 15 सदस्य हैं कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईसीसी का भी प्रमुख होता है।

एआईसीसी और पीसीसी के बीच कांग्रे संगठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है वर्किंग कांग्रेस कमेटी (CWC) कांग्रेस वर्किंग कमेटी में 25 सदस्य होते हैं और कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस वर्किंग कमेटी का प्रमुख होता है इसके अलावा कांग्रेस संसदीय दल का प्रमुख कांग्रेस वर्किंग कमेटी का दूसरा पदेन सदस्य होता है और बच्चे भी 23 सीटों में से 12 का चुनाव एआईसीसी के सदस्य करते हैं तथा बाकी 11 सदस्यों को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत करता है अंग्रेज वर्किंग कमेटी पर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरी तरह से अपना वर्चस्व रखता है और कांग्रेस वर्किंग कमेटी चुनाव की घोषणा से लेकर चुनाव कराने में अपनी भूमिका निभाती है तथा कांग्रेस के वर्तमान हालात पर पार्टी की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले पार्टी नेताओं का ग्रुप G-23 बी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की 12 सीटों पर चुनाव कराने की मांग कर रहा है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कांग्रेस की प्रदेश कांग्रेस कमेटी अर्थात पीसीसी की होती है पीसीसी के सभी सदस्य को प्रतिनिधित्व कहा जाता है आर्य प्रतिनिधि कांग्रेस अध्यक्ष को वोट देते हैं जिनकी संख्या वर्तमान में 9 से 10,000 है।

कांग्रेस अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनने के लिए पीसीसी के 10 सदस्यों की सिफारिश जरूरी है कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 18 के अनुसार पीसीसी के कोई भी 10 डेलीगेट यानी कि सदस्य किसी भी सदस्य को कांग्रेस अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बना सकते हैं।

देश की आजादी के बाद कांग्रेस के 70 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद पर गांधी नेहरू परिवार का ही वर्चस्व रहा है और पिछले 40 साल में अध्यक्ष पद के लिए केवल दो बार ही चुनाव हुए हैं।

कांग्रेस पार्टी में पहला चुनाव 1997 में हुआ था जब सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट को हराया था इस दौरान सीताराम केसरी को 6224 वोट मिले थे और शरद पवार को 882 तथा राजेश पायलट को 354 वोट ही मिले थे इसके बाद पिछला चुनाव साल 2000 में हुआ था जब सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में सोनिया गांधी ने जितेंद्र को 7448 वोटों से हराया था जितेंद्र प्रसाद को केवल 94 वोट मिले थे । साल 2000 के बाद से ही सोनिया और राहुल गांधी को कभी भी किसी भी चुनाव में चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा अर्थात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हुआ ।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम