नई दिल्ली/ आजकल युवा पीढी और परिवारजनो का सप्ताह मे एक दिन होटल मे बाहर खाना खाने का प्रचलन बढ रहा है वही बाहर होटलों मे ठहरने रेस्टोरेंट मे नाश्ता व खाना खाने पर होटल और रेस्टोरेंट संचालक ग्राहको से नियम विरुद्ध सर्विस चार्ज बिल मे जबरन वसूली करते है इस पर केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए)(CCPA) ने नये नियम बनाते हुए इसे लागू कर सर्विस चार्ज की वसूली पर रोक लगा आमजन को बडी राहत दी है । अब सेवा शुल्क वसूलने पर भारी भर जुर्माना और सजा दोनो ही भुगतनि पड सकती है
जबरन सर्विस चार्ज की वसूली को लेकर मिल रही शिकायतों के बीच सीसीपीए ने उपभोक्ता के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए नए नियम बनाए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सोमवार से होटलों, रेस्तरां और ढाबों आदि को खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है।
क्या होता है सर्विस चार्ज?
जब आप किसी प्रोडक्ट को खरीदते हैं या फिर कोई सर्विस लेते हैं तो उसके लिए आपको कुछ चार्ज देना पड़ता है इस चार्ज को ही सर्विस चार्ज कहा जाता है । होटल या रेस्तरां में जब खाने के बिल के साथ यह सर्विस चार्ज भी लिया जाता था। अक्सर लोग खाने के बिल में इस सर्विस चार्ज पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यह बिल में सबसे नीचे की ओर लिखा होता है। खाने के बिल का 5% सर्विस चार्ज के रूप में लिया जाता रहा है। अब सीसीपीए की ओर से इस पर रोक लगा दी गई है ।
अगर आप किसी रेस्तरां में खाना खाने जाएं और रेस्तरां आपके बिल में खाने के साथ-साथ सेवा शुल्क का भी पैसा जोड़ दे तो आप सेवा शुल्क देने से मना कर सकते हैं । विदित है की 2017 में भी केंद्र सरकार ने कहा था कि सर्विस चार्ज या सेवा शुल्क देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता ।
लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के पांच साल बाद भी देश भर में ज़्यादातर रेस्तरां सेवा शुल्क ले रहे हैं । यही नहीं, केंद्र सरकार की मिनी-रत्न कंपनियों में शुमार आईआरसीटीसी भी सर्विस चार्ज वसूल रही है ।
सर्विस चार्ज वसूले पर कितना जुर्माना और सजा
सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा हैं कि इस बार के दिशानिर्देश अलग और ज़्यादा प्रभावी हैं क्योंकि इन्हें उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 के तहत बनाए गए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने जारी किया है। इसका मुख्य काम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है । इन नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने की सज़ा और 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है ।
होटल – रेस्तरां एसोसिएशन की ओर से इन दिशानिर्देशों को ग़ैर-ज़रूरी बताया जा रहा ।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशा निर्देश जाने
1- होटल या रेस्तरां खाने के बिल में सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकेगा।
2- किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा।
3- होटल या रेस्तरां सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करेगा।
4- होटल या रेस्तरां स्पष्ट तौर पर बताएगा कि सेवा शुल्क देना ऐच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता का अधिकार है।
5- रेस्तरां सेवा शुल्क नहीं लगा पाने की वजह से सेवाएं देने से मना नहीं कर सकेगा।
6- सेवा शुल्क को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर नहीं लिया जा सकेगा।
7- उपभोक्ता अनुचित व्यापार कार्य प्रणाली के ख़िलाफ़ उपभोक्ता आयोग में शिकायत भी दर्ज करा सकता है
होटल या रेस्तरां दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क लगा रहा है, तो उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्तरां से सेवा शुल्क को बिल राशि से हटाने का अनुरोध कर सकता है।
उपभोक्ता जांच और सीसीपीए द्वारा आगे की कार्यवाही के लिए सम्बद्ध जिले के ज़िला कलेक्टर को शिकायत दर्ज करा सकता है ।
8- उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) 1915 पर कॉल करके या एनसीएच मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकता है।
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