नई दिल्ली/ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर 24 साल बाद हुए चुनाव में एक बार फिर 51 साल बाद दलित कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं जबकि दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सोमवार को हुए मतदान में राजस्थान में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सहित 14 विधायकों ने मतदान नहीं किया।
आखिर काफी जद्दोजहद और बंद के बाद कांग्रेस को गैर गांधी परिवार के बाद 24 साल के अंतराल पश्चात नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल गया है 24 साल बाद कल हुए मतदान के बाद आज परिणाम के बाद मल्लिकार्जुन खड़के कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं ।
इससे पहले 1998 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर घमासान हुआ था अर्थात चुनाव हुआ था और इस चुनाव में जितेंद्र प्रसाद को मात्र 94 मत मिले थे और सोनिया गांधी को 7500 से अधिक मत मिले और वह कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई थी।
इस बार मलिकार्जुन खरगे और शशि थरूर के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें खड़के को.7898..मत मिले तथा थरूर को ..1072. को मत मिले तथा करीब 400 मत खारिज हुए ।
51 साल बाद मलिकार्जुन खडगे के रूप में कांग्रेस को गैर गांधी परिवार के अलावा दलित कांग्रेस नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना है इससे पहले 1970-71 मैं बाबू जगजीवन राम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लेकर सोमवार को हुए मतदान मैं राजस्थान से कुल 414 वोट से इनमें से 396 मतदाताओं नहीं अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जबकि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी जोशी नारायण सिंह लीला मदेरणा राघवेंद्र मिर्धा सहित 21 कांग्रेस जनों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया ।
डॉक्टर सीपी जोशी जैसे कांग्रेस के कर्मठ नेता द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मतदान नहीं करना सबके लिए आश्चर्य बन गया है कि आखिर ऐसा क्या हुआ।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर खड़के के निर्वाचन का फैसला आज आया हूं लेकिन दैनिक रिपोर्टर डॉट कॉम ने 30 सितंबर को ही अपनी खबर में बता दिया था कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़के ही होंगे।