बिहार के मंत्री विनोद सिंह का कोरोना के बाद ब्रेन हेमरेज से निधन

liyaquat Ali
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गुड़गांव के मेदांता अस्‍पताल में ली अंतिम सांस

16 अगस्त को एयर एंबुलेंस से ले जाया गया था दिल्ली

अमित शाह, नीतीश और सुशील मोदी सहित कई नेताओं ने जताया शोक, कहा- अपूरणीय  क्षति

बीमार होने की वजह से उनकी पत्नी निशा सिंह को भाजपा ने दे रखा है प्राणपुर सीट से टिकट

पटना। तेज-तर्रार माने जाने वाले भाजपा नेता और बिहार के पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्‍याण मंत्री विनोद सिंह का निधन हो गया है। गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में सोमवार को उन्‍होंने अंतिम सांस ली। मंत्री विनोद सिंह करीब तीन महीने से बीमार थे। उनके गंभीर रूप से बीमार होने के कारण भाजपा ने पहले ही उनकी पत्नी निशा सिंह को कटिहार जिले की प्राणपुर से विधानसभा सीट से टिकट दे रखा है। विनोद सिंह इसी सीट से भाजपा के विधायक थे।  

28 जून को हुई कोरोना जांच में विनोद सिंह और उनकी पत्नी निशा सिंह की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दोनों को कटिहार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जुलाई में ही कोरोना को मात देकर घर लौटे। इसके बाद 14 अगस्त की रात उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया। कटिहार से लाकर उन्हें पटना के रूबन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान तबीयत में सुधार नहीं होने पर 16 अगस्त को उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया और गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां वे कोमा में चले गये थे।  

विनोद सिंह कटिहार के प्राणपुर के मनसाही थाना क्षेत्र के बचनाहा गांव के रहने वाले थे। छात्र जीवन में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कटिहार जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्हें किसान मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2000, 2010, 2015 में कटिहार जिले की प्राणपुर विधानसत्रा क्षेत्र से विधायक रहे।   

मंत्री ने निधन की खबर मिलते ही प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र के उनके साथी और समर्थक उनके आवास पर पहुंच गए। उनके निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, दीघा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया सहित कई नेताओं ने शोक जताते हुए इसे बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया। कहा, ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शांति एवं दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें।

खनन मंत्रालय छिनने के बाद आये थे सुर्खियों में

तीन बार विधायक रह चुके विनोद सिंह को नीतीश कैबिनेट में पिछली बार पिछड़ा कल्याण विभाग और खनन एवं भूतत्त्व मंत्री बनाया गया था। लेकिन, वे उस समय सुर्खियों में आए जब 3 जून 2019 को उन्हें खनन विभाग से हटाकर पिछड़ा-अतिपिछड़ा विभाग का मंत्री बना दिया गया। उस समय उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर सवाल खड़े कर किये थे। हालांकि बाद में मान-मनौव्वल के बाद वह चुप हो गये थे।

की थी बिहार में एनआरसी लागू करने की मांग

मंत्री विनोद सिंह कई बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे थे। नीतीश सरकार के वह पहले ऐसे मंत्री थेए जिन्होंने बिहार में एनआरसी लागू करने की मांग की थी। विनोद सिंह ने दावा किया था कि बिहार के सीमांचल इलाकों में करीब 40 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं। इसलिए बिहार में एनआरसी लागू करना जरूरी है।

हिन्दुस्थान समाचार

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