कछार (असम),(हि.स.)। असम-मिजोरम के सीमा को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों के स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प के साथ ही आगजनी की भी घटनाएं घटी हैं। दोनों राज्यों के पुलिस कर्मी अपने-अपने इलाकों में तैनात हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा के बीच भी विवाद को समाप्त करने के लिए लगातार चर्चा हुई है। इसके बावजूद विवाद समाप्त होने के नाम नहीं ले रहा हैं।
इस कड़ी में रविवार रात फिर से एक बार उत्तेजना का माहौल उत्पन्न हो गया। सीमा पर खड़े वाहनों को मिजोरम जाने के लिए छोड़े जाने को लेकर बीती रात उत्तेजना उत्पन्न हो गयी। सैकड़ों स्थानीय लोग सड़क पर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि खून देंगे, लेकिन मिरोजम की ओर एक भी वाहन को जाने नहीं देंगे। जानकारी के अनुसार रात को डीआईजी दिलीप दे, कछार जिला उपायुक्त कृति जल्ली और पुलिस अधीक बीएल मीणा असम के असम-मिजोरम सीमावर्ती लायलापुर पहुंच सीमा पर खड़े वाहनों को मिजोरम की ओर जाने देने की कोशिश की।
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को इस कदम की जानकारी मिलते ही रात के समय भारी संख्या में स्थानीय लोग एकत्र होकर प्रशासन के इस कदम का विरोध करने लगे। रात के समय ही स्थानीय नागरिक सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। डीआईजी और जिला उपायुक्त के द्वारा वाहनों को मिजोरम की ओर छोड़ने के कदम का स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया।
स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर प्रशासन को बताया कि जब तक मिजोरम असम की भूमि को खाली नहीं कर देता है तब हम मिजोरम का आर्थिक अवरोध जारी रखेंगे। मिजोरम की ओर जाने वाले वाहनों को वे किसी भी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने देंगे। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन जबरदस्ती मिजोरम की ओर वाहनों को ले जाने की कोशिश करेगा तो उसे हमारे शरीर के ऊपर से वाहनों को ले जाना होगा। स्थानीय लोगों ने कहा कि वे मिजोरम के विरुद्ध करो या मरो की नीति के तहत आर्थिक अवरोध आरंभ किया है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को केंद्र सरकार के गृह सचिव की मध्यस्थता के जरिए मिजोरम और असम के मुख्य सचिवों के बीच वीडियो कांफ्रेस के जरिए एक बैठक आयोजित की गयी थी। मिजोरम के मुख्य सचिव ने यह आश्वासन दिया था कि मिजोरम असम की भूमि से अपने पुलिस बल को वापस हटा लेगा। असम सरकार से मिजोरम सरकार ने यह आह्वान किया था कि सीमा पर रोके गये वाहनों को मिजोरम की ओर जाने दिया जाए।
बैठक के बाद पुलिस डीआईजी दिलीप दे और जिला उपायुक्त कृति जल्ली और पुलिस अधीक्षक बीएल मीणा वाहनों को मिजोरम भेजने के लिए कदम उठाने पहुंचे थे। लेकिन, लायलापुर के स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक असम की भूमि मिजोरम सरकार खाली नहीं करती है तब तक वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। लोगों ने कहा कि उन्हें मिजोरम के ऊपर किसी भी तरह का विश्वास नहीं है, क्योंकि पहले भी मुख्य सचिव की बैठक में मिजोरम पुलिस को असम की सीमा से हटाने की बात तय हुई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्थानीय लोगों के भारी विरोध के चलते वाहनों की आवाजाही अभी भी अवरुद्ध है। इसकी वजह से मिजोरम में अत्यावश्यक सामानों की किल्लत होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।