अमेरिका में  स्कूल में बच्चों पर हमले की साजिश कर्त्ता व ISIS से कनेक्ट भारत के अनीस को उम्रकैद

Dr. CHETAN THATHERA
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मुंबई/ मुंबई की एक अदालत ने साइबर एक्ट में देश में पहले मामले में निर्णय लेते हुए देश की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को अमेरिका की एक स्कूल में बच्चों पर हमला करने की साजिश रचने और आतंकवादी संगठन आई एस आई एस (ISIS) से कनेक्ट रहने के मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को महाराष्ट्र की आतंकवादी निरोधक पुलिस में 8 साल पहले गिरफ्तार किया था और वह तब से ही जेल में था।

महाराष्ट्र में पहला केस है जब साइबर आतंकवाद मामले में किसी को सजा सुनाई गई है। अनीस अंसारी का केस भी देश का ऐसा पहला केस है जो साइबर आतंकवाद की धाराओं में दर्ज हुआ था।

अनीस पर पर अमेरिका स्कूल के बच्चों पर हमले की साजिश रचने सही भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं और सूचना तकनीकी कानून के प्रावधानों के तहत तथा आतंकी संगठन आईएसआईएस की गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप जांच एजेंसी ने लगाए थे इसके साथ ही फेसबुक पर उमर एल्हाजी के साथ उसका चैट भी यह दर्शाता है कि वह अमेरिकी स्कूल पर लोन वुल्फ हमला कर ना चाहता था ।

थर्माइट बम का उपयोग करने की योजना बनाने का आरोप लगाया गया था।थर्माइट बम धातु पाउडर और धातु ऑक्साइड का मिश्रण करके बनाया जाता है जो धमाके का कारण बनता है। इसी को ‘लोन वूल्फ’ हमले में प्रयोग किया जाना था। साइबर आतंकवाद से संबंधित आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) के तहत उसे दोषी पाते हुए, सत्र न्यायाधीश एए जोगलेकर ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि अंसारी उमर एलहाज के संपर्क में था।

उसने एकता को खतरे में डालने के इरादे से आईएसआईएस के आक्रामक संदेश और विचारधारा भेज रहा था। वह भारत की संप्रभुता भंग करने की कोशिश कर रहा था। अनधिकृत रूप से अपनी कंपनी के कंप्यूटर का उपयोग करके लोगों में आतंक फैलाना चाहता था। न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोपी ने थर्माइट बम बनाने के बारे में जानकारी हासिल की थी और उमर एलहाज के साथ जानकारी साझा की थी।’

न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि 13-18 अक्टूबर, 2014 से अंसारी लगातार उमर एलहाज के संपर्क में था।’ एक अमेरिकी स्कूल में एक लोन वूल्फ बम हमला करने की साजिश की। यह हमला विदेशी नागरिकों के बच्चों की मौत के इरादे से और आतंक पैदा करने के दुर्भावना से किया गया।

अंसारी ने कई चेतावनियों के बावजूद सीप्ज़ में काम करने वाली निजी कंपनी के कंप्यूटर और इंटरनेट का दुरुपयोग किया था। न्यायाधीश ने कहा, ‘… अधिकृत पहुंच से अधिक, भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा होने के कारण, अंसारी को साइबर आतंकवाद के दायरे में रखा गया।’

आजीवन कारावास की मांग करते हुए, विशेष लोक अभियोजक मधुकर दलवी ने कहा, ‘आरोपी एक योग्य व्यक्ति है, एक कंप्यूटर इंजीनियर है। अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखना चाहिए। यदि नरमी दिखाई जाती है, तो इस बात की संभावना है कि वह वही कर सकता है जो उसने करने के लिए निर्धारित किया था।’ 

दलवी ने नेहरू नगर, कुर्ला (पूर्व) में एक साइबर विशेषज्ञ, अंसारी के सहयोगियों, एक वरिष्ठ के साथ-साथ उसके पड़ोसियों सहित 25 गवाहों के साक्ष्य का हवाला दिया था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि एक सहयोगी भौगोलिक तकनीशियन के रूप में काम करते हुए, अंसारी ने कंपनी के कंप्यूटर का इस्तेमाल किया।

उसने नकली नाम, उसैरिम लोगान से फेक फेसबुक अकाउंट भी बनाया। एल्हाजी के साथ उसने बातचीत की और इसी दौरान लोन वूल्फ हमला करना तय हुआ। अनीस अंसारी के खिलाफ 728 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। जिसमें 50 गवाह व फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी शामिल हैं। इन एक्सपर्ट्स ने 6 कंप्यूटर हार्ड डिस्क और एक मोबाइल फोन की पूरी रिपोर्ट दी गई। इल्हाजी अमेरिका के इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस का उपयोग करता था।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम