अगले 6 माह में उर्दू आधारित मोबाइल एप करेगा लॉन्च एनसीपीयूएल

Dr. CHETAN THATHERA
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– देश के 21 राज्यों में उर्दू के प्रचार-प्रसार पर खर्च हुए लगभग 3 करोड़ रुपये

– एनसीपीयूएल ने 1000 से अधिक वर्चुअल सेमिनारों से किया उर्दू का प्रचार-प्रसार

 – जामिया विवि के उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. शहजाद अंजुम ने की सराहना 

नई दिल्ली (हि.स.)। किसी भी संस्थान की ताकत एवं क्षमता का अंदाजा उसके भवन या उपलब्ध संसाधनों से नहीं बल्कि संस्थान द्वारा चुनौतीपूर्ण समय में किए गए कार्यों से चलता है। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में न केवल अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखा बल्कि तकनीक का इस्तेमाल कर देश के 21 राज्यों में वर्चुअल सेमिनारों के माध्यम से उर्दू के प्रचार-प्रसार और विकास के काम को बखूबी अंजाम दिया है। 


केद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. शहजाद अंजुम ने एनसीपीयूएल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि परिषद ने उर्दू के विकास के लिए बुनियादी काम किये हैं। उन्होंने कहा कि जामिया के उर्दू में होने वाले कार्यक्रम परिषद के सहयोग से ही आयोजित किये जाते हैं। जामिया से उर्दू परिषद का गहरा रिश्ता है। उर्दू के विकास के लिए परिषद के निदेशक अकील अहमद की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वह दिन-रात उर्दू के विकास में दिली से जुटे हैं। उनके समय में काम में पारदिर्शता आई है। 


राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (National Council for Promotion of Urdu Language) के निदेशक अकील अहमद ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से विशेष बातचीत में बताया कि देशभर में उर्दू के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए एनसीपीयूएल ने पिछले दो सालों में 21 राज्यों में एक हजार से अधिक सेमिनार, मुशायरे, सिम्पोजियम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और लेक्चर आयोजित किये। इनमें से 28 कार्यक्रम परिषद ने स्वयं देश के अलग-अलग भागों में आयोजित किये। वहीं 933 से ज्यादा कार्यक्रम परिषद की तरफ से दिये जाने वाले फंड के माध्यम से आयोजित किये हैं। परिषद ने स्पोंसर कार्यक्रमों पर लगभग 3 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। 


अहमद ने कहा कि अक्टूबर 2018 से अब तक 21 राज्यों के 933 संस्थानों या एनजीओ को सेमिनार कराने के लिए 2 करोड़ 85 लाख रुपये की मदद दी है। इसके अलावा एनसीपीयूएल ने स्वयं 28 स्थानों पर सेमिनार आयोजित कराये हैं। इनमें कुछ ऐसी जगह भी रहीं जहां उर्दू के लिए प्रचार कार्य शून्य से शुरू करना पड़ा। उत्तर प्रदेश और बिहार में 529, दिल्ली में 130, उत्तराखंड 20, ओडिशा 21, पश्चिम बंगाल 31, जम्मू-कश्मीर 24, महाराष्ट्र में 29 सेमिनार, मुशायरे और लेक्चर कराये गये। 


परिषद के निदेशक अकील अहमद उर्दू को देश के दूर-दराज इलाकों तक पहुंचाना चाहते हैं। यह कार्य लॉकडाउन में बाधित न हो इसके लिए उन्होंने परिषद के ओर से देशभर के तमाम केंद्रों को गाइडलाइन जारी कर बताया कि किस प्रकार ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी। इसके लिए परिषद ने एक नि:शुल्क सॉफ्टवेयर भी मुहैया कराया। जम्मू-कश्मीर जैसे दूर-दराज के राज्यों जहां इंटरनेट स्पीड की समस्या सामने आई वहां व्हाट्सअप और वीडियो संदेश की मदद से शिक्षण कार्य किया गया। इतना ही नहीं फीडबैक लेने के लिए सभी केंद्रों को कक्षाओं का वीडियो बनाकर भेजने को कहा गया। 


भविष्य की योजना के संबंध में पूछे जाने पर अकील अहमद ने बताया कि वह उर्दू को हाईटेक बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह जल्द ही एक उर्दू आधारित मोबाइल एप लॉन्च करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी आयु वर्ग के लोग अपना अधिकांश समय मोबाइल पर बिताते हैं। ऐसे में उर्दू को लेकर लोगों की रुचि को ध्यान में रखते हुए परिषद मोबाइल एप के माध्यम से उर्दू पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाने की पहल करने जा रहा है। इस एप पर मुशायरे और गजलें भी उपलब्ध होंगी। इस पर जोर-शोर से काम चल रहा है और अगले 3 से 6 माह के भीतर यह बनकर तैयार हो जाएगा। 

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम