जौन एलिया : हालत-ए-हाल के सबब , हालत-ए-हाल ही गई
शौक में कुछ नहीं गया , शौक की ज़िन्दगी गई
एक ही हादसा तो है और वो यह के आज तक
बात नहीं कही गई , बात नहीं सुनी गई
बाद भी तेरे जान-ए-जां , दिल में रहा अजब समां
याद रही तेरी या फ़िर तेरी याद भी गई
उसके उम्मीदें नाज़ का हमसे ये मान था कि आप
उम्र गुज़ार दीजिए , उम्र गुज़ार दी गई
उसके बदन को दी नुमुद हमने सुखन में और फ़िर
उसके बदन के वास्ते एक कबा भी सी गई
मीना-ब-मीना मय-ब-मय जाम-ब-जाम जम-ब-जम
नाफ़ पियाले की तिरी याद अजब सही गई
कहनी है मुझको एक बात आपसे या’नी आप से
आप के शहर-ए-वस्ल में लज्जत-ए-हिज़्र भी गई
उसके विसाल के लिए , अपने कमाल के लिए
हालत- ए- दिल की थी ख़राब , और ख़राब की गई
तेरा फ़िराक़ जाने जां क्या ऐश था मेरे लिए
यानी तेरे फ़िराक़ में ख़ूब शराब पी गई
उसकी गली से उठकर मैं आन पड़ा था अपने घर
एक गली की बात थी , और गली गली गई
सेहन-ए-ख़्याल-ए-यार में कि न बसर शब-ए-फिराक़
जब से वो चांदना गया जब से वो चांदनी गई
#jaunelia 🥀