सचिन पायलट की जीवनी | Sachin Pilot Biography In Hindi:जन्म ,आयु ,परिवार,विवाद,राजनीती,पत्नी

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सचिन पायलट की जीवनी | Sachin Pilot Biography In Hindi: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के मुख्य चेहरा सचिन पायलट का सम्बन्ध एक राजनैतिक परिवार से हैं. उनके पिता राजेश पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. इनका जन्म 7 सितंबर सन् 1977 को यूपी के सहारनपुर में हुआ था.

वेदपुरा उनका पैतृक गाँव है. सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को जिन्दा कर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत दिलाने वाले अध्यक्ष के रूप में अब उनका नाम मुख्यमंत्री की होड़ में शामिल हो गया हैं.

सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं. 43 वर्षीय सचिन ने वर्ष 2002 में भारत की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना शुरू किया था. वे 10 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. इनकें 15 वर्ष के राजनीतिक करियर में 10 साल दिल्ली में बिताए जबकि पिछले पांच सालों में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे.

सचिन पायलट जीवन परिचय Sachin Pilot Biography In Hindi

पूरा नाम सचिन प्रसाद बिधुड़ी

जन्म 7 सितंबर 1977

जन्म स्थान सहारनपुर, राजस्थान

पहचान दिग्गज राजनेता

जाति | Caste/Jati गुर्जर

पत्नी विवाह सारा पायलट 2004

Sachin Pilot

सचिन पायलट का परिवार (Family)

 

पिता का नाम- राजेश पायलट

माता का नाम- रमा पायलट

बहन का नाम- सारिका पायलट

वाइफ- सारा पायलट (फारुख अब्दुल्ला की बेटी)

बेटे का नाम- आरन पायलट और विहान पायलट

सचिन पायलट के रोचक तथ्य | Sachin Pilot Biography In Hindi

 

सचिन पायलट को उड़ान भरने का शौक है और वह एक अच्छे शूटर भी है। उन्हें 1995 में एनवाई, यूएसए से अपना निजी पायलट लाइसेंस (पीपीएल) भी प्राप्त किया है। शूटिंग में, उन्होंने कई राष्ट्रीय राइफल और पिस्तौल शूटिंग चैम्पियनशिप में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भी सेवाएं दी हैं।

इसलिए उन्हें क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट पायलट के रूप में भी जाना जाता है। किसानों और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सचिन रुचि लेते हैं। उन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय समाचार और वर्तमान मामलों, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अर्थशास्त्र, कृषि और ग्रामीण विकास, रणनीतिक और विदेशी संबंधी मामलों में विशेष रूचि है। उन्होंने 2001 में अपने पिता पर एक पुस्तक लिखी, पुस्तक का शीर्षक “राजेश पायलट: इन स्पिरिट फॉरएवर” है।

सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट

सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट का मूल नाम राजेश्वर प्रसाद बिधुरी था. ये उच्च दर्जे के जानेमाने कांग्रेस नेता थे. पूर्व में ये भारतीय वायु सेना में देश के लिए सेवा कर रहे थे. वर्ष 1971 की भारत पाक की लड़ाई में इन्होने हिस्सा भी लिया था.Sachin Pilot 03

समाज सेवा की भावना से प्रेरित होकर ये सक्रिय राजनीति में उतरे और 20 वर्षों तक भरतपुर और दौसा से सांसद चुने गये, राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में भी रहे. मात्र 55 वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना में इनका देहांत हो गया था.

सचिन पायलट की शिक्षा परिवार, पत्नी, पुत्र पुत्री

सचिन के पिता एयर फ़ोर्स में ऑफिसर थे, इनकी आरम्भिक पढाई शिक्षा नई दिल्‍ली के एयर फ़ोर्स बाल भारती स्‍कूल में हुई, इसके बाद आगे की पढाई के लिए सचिन सेंट स्‍टीफ़ेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की.

इसके बाद की उच्च शिक्षा के लिए सचिन ने अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्‍वविद्यालय से मैनेजमेंट की उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत लौट आए.2002 में कांग्रेस से जुड़ने के बाद 2004 में उनका विवाह उमर अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्‍दुल्‍लाह से हुआ,

इनके विवाह में अब्दुल्ला नही आए थे. सचिन के एक बेटा और एक बेटी है जिनका नाम आरान और वेहान पायलट हैं. पिछले कुछ समय से आ रही खबरों के अनुसार सचिन अपनी पत्नी से अलग रह रहे हैं.

सचिन का राजनीतिक जीवन

पढ़ाई पूरी करने के बाद सचिन पायलट ने मल्टी नेशनल कम्पनी में लगभग दो साल तक काम किया। लेकिन सन 2000 में पिता राजेश पायलट के निधन के बाद अपने पीछे छोड़ गए राजनीतिक विरासत को संभालने की जिम्मेदारी सचिन पर ही आ गयी थी।

सचिन पायलट का राजस्थान की राजनीति में प्रवेश उतना अच्छा नहीं रहा। एक तरफ सड़क दुर्घटना में पिता की मृत्यु तो दूसरी तरफ राजस्थान में गुर्जर नेता की कमी। जाटों को आरक्षण मिलने के बाद अन्य जाती भी आरक्षण की मांग करने लगी थी।

ऐसे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने बहुत बड़ी संकट खड़ा था क्योंकि राजेश पायलट के बाद गुर्जर जाती को संभालने वाला कोई बड़ा नेता नहीं था।

सचिन पायलट ने बेहद कम उम्रः में राजनीति की कई ऊँचाइयों को छुआ है अब तो इन्होने मुख्यमंत्री की दावेदारी भी पेश कर दी हैं. वाकई में सचिन जैसे युवा एवं शिक्षित नेताओं की देश व कांग्रेस को आवश्यकता हैं.

सचिन ने अपने पोलिटिकल करियर का आरम्भ 14 वीं लोकसभा में किया वे मात्र 26 साल की उम्रः में सांसद का चुनाव लड़े और दौसा विजयी बनकर सबसे कम उम्रः में बनने वाले ये पहले भारत के सांसद थे.

इस चुनाव में सचिन पायलट ने एक लाख बीस हजार मतों से विजय हासिल की थी, राजस्थान से अपनी राजनीतिक भूमिका तैयार करने वाले पायलट ने अपना दूसरा चुनाव अजमेर सीट से लड़ा. 6 सितंबर सन् 2012 को क्षेत्रीय सेना में शामिल होने वाले ये देश के पहले केन्द्रीय मंत्री हैं. 21 जनवरी 2014 को इन्हें राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया.

सचिन पायलट और अशोक गहलोत

राजस्थान की राजनीति और खासकर कांग्रेस दो खेमो में बंट चुकी हैं. एक खेमा अशोक गहलोत और समर्थकों का है तो दूसरा सचिन पायलट का हैं. अनेकों बार दोनों दिग्गज नेताओं में मनमुटाव भी देखा गया हैं.

जब से सचिन पायलट ने मुखर होकर गहलोत का विरोध करना शुरू किया हैं, उन्हें राजनीति में हासिये पर लाने की हर सम्भव कोशिशे हुइ हैं. गहलोत ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया हैं. आने वाले समय में दोनों दिग्गज नेताओं में और मतभेद देखे जा सकते हैं.

सचिन पायलट के विवाद

सचिन पायलट का मूल नाम क्या हैं. आपकों बता दे इनका नाम सचिन प्रसाद बिधुड़ी तथा इनके पिताजी का नाम राजेश्वर प्रसाद बिधुड़ी था. राजेश्वर जी बेहतरीन विमान चालक थे इसलिए उनको राजेश पायलट के नाम से जाना गया तथा सचिन को भी यह नाम विरासत में मिला.

सचिन पायलट 2004 में राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े तथा विजयी भी हुए. ये दो बार केबिनट मंत्री राज्य में एक बार उपमुख्यमंत्री तथा राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं. 43 वर्षीय पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कुर्सी को लेकर संग्राम उस वक्त ही शुरू हो गया था जब 2018 में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए थे. अब ये मतभेद खुल कर सामने आ गये हैं.

13 जुलाई 2020 को सचिन पायलट 30 से अधिक विधायको के साथ दिल्ली पहुचे उन्होंने दावा किया कि गहलोत सरकार अल्प मत हैं. एक राज्य के उपमुख्यमंत्री का अपनी सरकार के लिए ऐसा कहना बड़ी बात और गम्भीर परिणाम निकलने वाली बात हैं. राजस्थान के चुनावी माहौल में कौनसा खेमा विजयी होगा. क्या सचिन पायलट बीजेपी में जाएगे अथवा कोई अन्य क्षेत्रीय पार्टी बनाएगे अभी तक स्पष्ट नहीं हैं.

आपकों बता दे इस नये विवाद की शुरुआत तब हुई जब गहलोत सरकार ने अपने ही कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री को एसओजी जांच के लिए नोटिस दे दिया था. साथ ही 13 जुलाई को हुई विधायक दल की बैठक में व्हिप जारी कर अनुपस्थित रहने वाले सचिन पायलट समेत सभी विधायकों के खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा कड़ी कार्यवाही करने हेतु एक प्रस्ताव पारित भी हुआ.

निसंदेह ये घटनाक्रम कांग्रेस और सचिन पायलट के बीच की दूरियों को बढाने वाला हैं. उधर पायलट द्वारा बीजेपी में शामिल होने की बात के खंडन से राजनितिक पंडितों को भी भ्रम में डाल दिया हैं. बहरहाल गहलोत और सचिन पायलट में जो मतभेद थे वे अब सड़क और रिसोर्ट पोलिटिक्स में आकर जगजाहिर हो गये हैं.

सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव टोंक से सबसे अधिक वोट से जीतने का कीर्तिमान

सचिन पायलट ने इस विधानसभा चुनाव में 54 हजार 179 के भारी अंतर से विजय प्रापत कर टोंक से सबसे अधिक वोट से जीतने का कीर्तिमान भी बनाया हैं, उन्हें 54 हजार 179 मत हासिल हुए थे.

इन्हें लेखनी का भी काफी शौक है वे अपनी बहिन के साथ एक किताब लिख रहे है जिसका शीर्षक है- इन स्पिरिट फॉरएवर
सचिन की माताजी का नाम माँ रमा पायलट, बहिन का नाम सारिका पायलट तथा सचिन की जाति गुर्जर हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में इन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
राज्य में पहला अवसर है जब कार्यकर्ता अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की दावेदारी के लिए सड़कों पर उतरे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी से सचिन की शादी :

सचिन पायलट की वाइफ का नाम सारा पायलट है. सचिन और सारा की शादी 15 जनवरी 2004 को हुई थी. सचिन पायलट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से शादी की है. इस कपल के दो बेटे भी हैं.

सचिन पायलट को क्यों कहा जाता है लेफ्टिनेंट सचिन पायलट ?

दरअसल सचिन पायलट 6 सितंबर 2012 को भारत की प्रादेशिक सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे. इसके साथ ही वे ऐसे पहले केन्द्रीय मंत्री भी बने थे. इस कारण ही उन्हें लेफ्टिनेंट सचिन पायलट के नाम से भी जाना जाता है.

 

सचिन पायलट और सारा पायलट की लव स्टोरी

सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट और सारा के पिता फारूक अब्दुल्ला अच्छे राजनितिक दोस्त थे. एक शादी समारोह के दौरान ही सचिन और सारा की मुलाकात हुई थी. और दोनों ने एक दूजे को पसंद करना शुरू किया.

इसके बाद दोनों की मुलाकात हुई अमेरिका में पढ़ाई के दौरान. यहाँ यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनस में दोनों का मिलना शुरू हुआ और दोस्ती प्यार में तब्दील होने लगी. लेकिन पढ़ाई के नाद सचिन भारत लौट आए और सारा वहीँ रहीं. दोनों का प्यार फ़ोन, ईमेल और मेसेज पर बढ़ने लगा.

कई साल प्यार में रहने के बाद 15 जनवरी 2004 में एक सिंपल समारोह में दोनों की शादी हुई थी. हालाँकि इस शादी में सारा के पिता फारूक अब्दुल्ला और भाई उमर अब्दुल्ला दोनों ही नहीं आए थे. सचिन और सारा की शादी को कई साल हो चुके हैं और अपनी लाइफ ख़ुशी-ख़ुशी जी रहे हैं. दोनों के बच्चों के नाम आरन और विहान हैं.

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