Bhilwara News । शारदीय नवरात्रि आगामी 17 अक्टूबर अर्थात शनिवार से शुरू होगी लेकिन इस बार नवरात्रि मे 58 साल बाद ऐसा योग बन रहा है शनि ग्रह फिर मकर राशि मे है । इसके अलावा इस साल मां घोडे पर आएगी और भैंस पर विदा होगी जो अशुभ माना जाता है ।
ज्योतिष नगरी कारोई के ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय के अनुसार इस बार की नवरात्रि पूरे नौ दिन की होगी ।। शनिवार, 17 अक्टूबर से मां दुर्गा की नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो जायेगी और इस दिन सूर्य का राशि परिवर्तन भी होगा और सूर्य तुला में प्रवेश करेंगे। इस राशि से पहले वक्री बुध भी रहेगा. जिस कारण बुध और आदित्य का योग बनेगा
58 साल बाद ऐसा योग
ज्योतिष पंडित गोपाल उपाध्याय के अनुसार नवरात्रि मे 58 वर्ष के पहले शनि, मकर में थे यह योग58 साल बाद फिर बन रहा है और इस बार फिर शनि मकर मे है और गुरु, धनु राशि में रहेंगे इससे पहले यह योग शनि का वर्ष 1962 में बना थाऔर उस समय 29 सितंबर भी शनिवार ही से नवरात्रि शुरू हुई थी
घोड़े पर आयेंगी मां, भैंस पर होंगी विदा,
अगर नवरात्रि की शुरूआत सोमवार या रविवार से शुरू हो तो इनका वाहन हाथी होता है. ठीक उसी तरह, शनिवार या मंगलवार से शुरू हो तो सवारी घोड़ा और गुरुवार एवं शुक्रवार शुरू हो तो सवारी डोली होती है. वहीं, बुधवार से शुरू होने पर मां का वाहन नाव होता है । घोडे पर मां का आना अशुभ माना जाता है ।
घोडे़ की सवारी इन मामलों में अशुभ
ऐसी मान्यता है कि मां का वाहन यदि घोड़ा हो तो पड़ोसी देशों से युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल, रोग, शोक समेत अन्य आपदा संभव है और भैंस पर विदा होने को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है
किस दिन कौन सी देवी की होगी पूजा
मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना : 17 अक्टूबर
मां ब्रह्मचारिणी पूजा : 18 अक्टूबर
मां चंद्रघंटा पूजा : 19 अक्टूबर
मां कुष्मांडा पूजा : 20 अक्टूबर
मां स्कंदमाता पूजा : 21 अक्टूबर
षष्ठी मां कात्यायनी पूजा : 22 अक्टूबर
मां कालरात्रि पूजा : 23 अक्टूबर
मां महागौरी दुर्गा पूजा : 24 अक्टूबर
मां सिद्धिदात्री पूजा : 25 अक्टूबर
राशि के अनुसार नवरात्रि
ज्योतिषा पण्डित गोपाल उपाध्याय के अनुसार अलग-अगल राशि के जातकों के लिए कई मायनों में फलदायक है ।।हालांकि, इस दौरान कुछ राशि के जातकों के कुछ मायनों में अशुभ भी हो सकता है।
मेष राशि – जातक के विवाह का योग बनेगी. प्रेम में सफलता मिलेगी।
वृष राशि – शत्रु पर विजय प्राप्त करेंगे. रोगों से छुटकारा मिलेगा।
मिथुन राशि – संतान सुख मिलेगा. नौकरी में उन्नति होगी. धन लाभ संभव है।
कर्क राशि – माता से प्रेम मिलेगा. घर में सुख शांति आयेगी. वैभव बढ़ेगा. कार्य में सफलता और सम्मान मिलेगा ।
सिंह राशि – पराक्रम में वृद्धि होगी. भाई से सहयोग मिलेगा, मेहनत के फल की प्राप्ति होगी।
कन्या राशि – संपत्ति का लाभ होगा. घर में सुख शांति आयेगी ।
तुला राशि – सोचे हुए कार्य का पूर्ण होंगे. मन प्रसन्नता से भरा रहेगा ।
वृश्चिक राशि – अनावश्यक खर्च हो सकता है. पारिवारिक चिंता बढ़ेगी ।
धनु राशि – कई मायनों में लाभ होगा. सुख शांति मिलेगी. चिंताएं दूर होंगी
मकर राशि – मानसिक तनाव बढ़ेगा. अनावश्यक खर्च भी बढ़ने की संभावना है ।
कुंभ राशि – भाग्य में वृद्धि होगी. साथी से मदद मिलेगी।
मीन राशि – शत्रुओं से परेशानी बढ़ेगी. दुर्घटना का भय बना रहेगा।
राशि के अनुसार मंत्र जाप
पंडित उपाध्याय के अनुसार हर जातक को राशि के अनुसार देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करनी होगी । श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करने से माता प्रसन्न होकर सभी दुख को हर लेंगी।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी.
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा नमोस्तुते..
मेष राशि के जातक
‘मां मंगला देवी’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ महागौर्यै नम: / ॐ मंगला देवी नम: का जाप करें.
वृषभ राशि के जातक
‘मां कात्यायनी’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ कात्यायनी नम:
मिथुन राशि के जातक
‘मां दुर्गा’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ दुर्गाये नम:
कर्क राशि के जातक
‘मां शिवाधात्री’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ शिवाय नम:
सिंह राशि के जातक
‘मां भद्रकाली’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ कालरूपिन्ये नम:
कन्या राशि के जातक
‘मां जयंती’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ अम्बे नम: अथवा ॐ जगदंबे नम: का जाप करें.
तुला राशि के जातक
मां के ‘क्षमा रूप’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ दुर्गादेव्यै नम: का जाप करें.
वृश्चिक राशि के जातक
‘मां अम्बे’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ महागौर्यै नम: या ॐ अम्बिके नम:
धनु राशि के जातक
‘मां दुर्गा’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ दूं दुर्गाये नम:
मकर राशि के जातक
मां के ‘शक्ति रूप’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ दैत्य-मर्दिनी नम:
कुंभ राशि के जातक
‘मां चामुण्डा’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ महागौर्यै नम: / ॐ चामुण्डायै नम:का जाप करें.
मीन राशि के जातक
‘मां तुलजा’ की आराधना करें.
मंत्र जाप : ॐ तुलजा देव्यै नम:का जाप करें.
दशहरा 25 को ही क्यो
25 अक्टूम्बर 2020 को नवमी तिथि सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक ही रहेगी उसके बाद दशमी लग जायेगी इस कारण विजय दशमी 25 अक्टूम्बर 2020 की मनाई जाएगी जबकि दशमी दिनाँक 26 अक्टूम्बर 2020 को सुबह 9 बजे तक रहेगी
स्थापना मुहूर्त
सवेरे —8 से 9 श्रेष्ठ
दोपहर–1 .30 से 3.00 तक लाभ
3.00 से 4.15 बजे तक अमृत