वाराणसी। धर्म नगरी काशी में मंगलवार को महिलाएं करवा चौथ व्रत की तैयारियों में जुटी रही। घरों में साफ—सफाई के साथ पूजन सामग्री,फल,नये वस्त्र रंग बिरंगी चटक सूर्ख रंग की डिजाइनदार साड़ियां व सलवार सूट,पूजा की थाली, चलनी आदि के इंतजाम के साथ सजनें सवरनें की तैयारियां होती रही। घरों में भी महिलाओं ने महावर रचाया तो कुछ ने ब्यूटी पार्लरों का भी सहारा लिया।
पर्व पर पूर्वांह से ही ब्यूटी पार्लरों में चहल—पहल रही। सुबह के घरेलू कार्यो को पूरा करने के बाद विवाहित महिलाओं का दोपहर से ही ब्यूटी पार्लरों में आना जाना लगा रहा। नव विवाहित महिलाएं पर्व को लेकर उत्साहित रही। हुकुलगंज की नवविवाहिता कंचन श्रीवास्तव,नेहा ने बताया कि सासू मां की देखरेख में त्यौहार मनायेगी। पहली बार पर्व मनायेगी इसको लेकर मन में उत्साह है। पति और अन्य परिजन भी इसमें सहयोग कर रहे है। जगतगंज की मीना पांडेय,स्नेहलता ने बताया कि अखंड सुहाग की कामना को लेकर देर रात लगभग तीन बजे सासू मां के देखरेख में सरगी निकल कर व्रत की शुरूआत करेगी। बुधवार को पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के बाद शाम को चन्द्रदेव को अध्र्य देकर पति को चलनी से देखने के बाद व्रत का पारण करेंगी। पिछले 10—12 सालों से व्रत रख रही है।
गौरतलब हो, करवा चौथ व्रत बुधवार चार नवम्बर को है। पति के दीर्घ जीवन के लिए रखा जाने वाला व्रत शुभ योग में है। नगर के ज्योतिषविद कर्मकांडी मनोज उपाध्याय ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां अपनी पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। निर्जला उपवास कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती है। चौथ बुधवार को रात 2:10 बजे तक रहेगी। मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी चन्द्रमा हैं। राशि के स्वामी शुक्र और बुध हैं। इसलिये बुधवार को दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। स्थिर लग्न में पूजन का मुहूर्त शाम 6:15 से रात 8:10 बजे तक है। उन्होंने बताया कि शाम को 16 श्रृंगार रचाकर व्रती महिलाएं मां गौरी पार्वती, भगवान शंकर, गणेश व कार्तिकेय को पुष्प, अक्षत, दीप आदि अर्पित करके करवा चौथ कथा का पाठ करेंगी।