Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the foxiz-core domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the fast-indexing-api domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
टोंक अरबी-फारसी शौध - संस्थान में है, विश्व का सबसे बड़ा कुरआन - Dainik Reporters

टोंक अरबी-फारसी शौध – संस्थान में है, विश्व का सबसे बड़ा कुरआन

liyaquat Ali
4 Min Read

कलात्मक कारीगरी -नक्काशी व कला का नमूना

 

कुरआन का एक पैज खोलने के लिए लगाए जाते है, चार आदमी

 

दुनियाभर से हज़ारो सैलानी इसे देखने को पहुंचते है

 

 

टोंक, (फिरोज़ उस्मानी) । सच्ची लगन व कुछ करने का जज्बा इंसान को कोई भी कठिन कार्य करने से नही रोक सकता। इसी का जीता-जागता एक उदाहरण नवाबी नगरी टोंक में देखने को मिलता है। अपने हूनर व कला प्रेम के चलते ताल-कटोरा निवासी हाफिज गुलाम अहमद ने विश्व का सबसे बड़ा कुरआन तैयार किया है। इतनी बड़ी साईज का कुरआन दुनिया में कहीं नही है। इसका एक पैज खोलने के लिए ही चार आदमी लगाए जाते है। दुनिया के विद्वान भी इसको देखकर हैरान रह जाते है। इसको अरबी फारसी शौध संस्थान में रखा गया है। दुनियाभर से हज़ारो सैलानी इसे देखने को पहुंचते है।

तीन एमएम की कलम से लिखा गया

इस कुरआन का साईज 10 फीट 5 ईंच व चौड़ाई 7 फीट 6 ईंच है। तीन एमएम की कलम से इसको लिखा गया है। इसकी स्याही मेड एन जर्मनी की है। हर पैज में 41 सतरे (पंक्तिया ) व खते नस्र (विशेष फोंट) लिखा गया है। हाथ से बने कागज़ के 18 फीट फुल जोडक़र एक पैज तैयार किया गया है। इसका वजऩ 250 किलोग्राम है। इसका हर पैज कलात्मक व विशेष आकर्षण लिए हुए है, इसकी जिल्द पर नक्काशी की गई है। इसकी जिल्द के चारों पेजो के कोनों पर चांदी के आकर्षक कोने बने हुए है,इस कुरआन का हर वर्क अलीफ से शुरू होता है। इसका एक पैज खोलने के लिए ही चार व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है।

 

दो वर्ष का समय लगा

कुरआन को बिना मशीनरी का प्रयोग किए हाथ से ही तैयार किया गया है,इस कुरआन को तैयार करने में 2 वर्ष का समय लगा है। 22 जनवरी 2014 को इस अरबी फारसी में रखकर प्रदर्शित किया गया । तथा इसकी जिल्द बनने मेंं 6 माह का समय लगा। इसमें प्रयोग किया गया कागज संागानेर में तैयार हुआ है। ये कागज 4 सौ साल तक खराब नही होगा।

शौकेस भी है, अनूठा

कुरआन को सुरक्षित रखने के लिए 250 किलोग्राम वजनी शौकेस भी अनूठी कला लिए हुए है,इसको भी अलग से तैयार करवाया गया है। इसमें लगे कांच का वजन ही 150 किलो है। इसकी लम्बाई 12 एंव चौड़ाई 8 फीट की है। पूरा शौकेस सागवान की लकड़ी से बना है। इसकी लकड़ी पर भी बैहतरीन नक्काशी कार्य भी अनूठा है।

स्व. शेर खां ने बनवाया

इस कुरआन को चित्तोड़ के एक व्यवसायी स्व. शेर खा़ ने अपने खर्चे से तैयार करवाया था। कुरआन को लिखने वाले टोंक तालकटोरा निवासी हाफिज गुलाम अहमद ने उनके बड़े भाई मौलाना जमील के सुपरविजन में लिखा है। इसके साथ ही खुर्शिद अनवर, जफर रजा खां, नाजीम अशरफी, अख्तर जंहा, गिजाला परवीन, फायजा रवीन व हाफिज कारी हाजी उमर दराज आदि ने भी इसमें सहयोग दिया है। 22 जनवरी 2014 को इस अरबी फारसी में रखकर प्रदर्शित किया गया ।

लाखो सैलानी आते है, देखने

इस पवित्र कुरआन को देखने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, आजम खां, कई राज्यों मंत्री , आरएएस, आईएएस सहित 50 देशों के लोग शौध आदि करने पहुंच चुके है। अब तक सभी वर्गा के लाखों लोग इसे देख चुके है। दुनियाभर से हजारों सैलानी इस देखने यंहा पहुंचते है।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter. Mobile +917014653770
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *