टोंक। जिले में देवली उपखंड क्षेत्र में चांदली में हिंगलाज माता मंदिर परिसर में आयोजित दिव्य श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास सरस किशोरी ने शुकदेव जी महाराज के जन्म की कथा, सृष्टि वर्णन, प्रियव्रत की कथा, ध्रुव चरित्र की कथा का वाचन किया।
कथा के आयोजक आचार्य धीरेंद्र पांडे ने बताया किध्रुव चरित्र से हमें शिक्षा मिलती है कि भगवान का भजन करने की कोई आयु नहीं होती ध्रुव ने मात्र 5 वर्ष की आयु में भगवान की कृपा को प्राप्त किया यदि कोई चाहे तो आयु कोई भी हो वह ध्रुव की तरह त्याग करके भगवान की भक्ति करके ठाकुर जी को प्राप्त कर सकता है उसके लिए आयु का कोई बंधन नहीं है।
ध्रुव महाराज के चरित्र से हमें यह सीख मिलती है कि भगवान से कुछ मांगने के बजाय भगवान को ही मांग लेना चाहिए क्योंकि जब ठाकुर जी जीवन में है तो फिर किसी चीज की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि ठाकुर जी भक्ति का अतिरेक है। कथा में श्रद्धालुओं ने हिंगलाज माता के दर्शन के बाद मधुर भजनों की धुनों पर नृत्य करते हुए भागवत कथामृत का रसास्वादन किया।