वर्ल्ड यूनानी डे पर राजपूताना युनानी मेडिकल कॉलेज में हुए कई आयोजन

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। जगतपुरा रोड, खोह नागोरियान स्थित राजपुताना युनानी मेडिकल कॉलेज(Rajputana Unani Medical College), हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में वर्ल्ड युनानी डे के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहीद खान गुडएज ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में विभिन्न वक्ताओं ने यूनानी पैथी के संस्थापक हकीम अजमल खान को याद कर उनके द्वारा दिए गए योगदान और इसकी अहमियत पर विस्तार से प्रकाश डाला।

वक्ताओं ने कहा कि आयुष और इसके तहत यूनानी पैथी आज के दौर में भी विभिन्न बीमारियों में कारगर है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इस मौके पर गवर्नमेंट कॉलेज टोंक में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर खतीब अहमद खान की पुस्तक उमूर ए तबैया और प्रैक्टिकल बुक तथा डॉक्टर मोहम्मद सुफियान की पुस्तक कुलयात उमर ए तुबैया का विमोचन किया गया।

Rajputana Unani Medical College on World Unani Day
संस्थान के सचिव जाकिर गुडएज, प्रशासनिक अधिकारी अनीस अहमद अल्वी व अन्य अतिथियों ने पुस्तकों का विमोचन किया तथा अपने उद्बोधन में यूनानी के संस्थापक हकीम अजमल खान द्वारा किए गए कार्य और उनकी कुर्बानियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वहीं अतिथि एवं अल फारूख युनानी मेडिकल कॉलेज इंदौर के प्रिंसिपल प्रोफेसर सलीम अख्तर ने कहा कि अंग्रेजों ने आयुष के खिलाफ नफरत भरे स्वर मुखर किए, किंतु यूनानी पैथी के संस्थापक सहित देश की आजादी के कई अग्रणी नेताओं ने आयुष के समर्थन में सामने आए और इस पैथी की नींव रखी जो कि आज देश भर में भली-भांति फल फूल रही हैं।

राजपुताना यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शफीक अहमद नकवी ने कहा कि अंग्रेज हुकूमत हिंदुस्तान से आयुष को खत्म करना चाहती थी, किंतु यूनानी के संस्थापक ने दिल्ली में यूनानी कॉलेज की नींव रखी और देश भर में आयुष के लिए अभियान चलाकर इसे मजबूती दी। उन्होंने अपनी बात को शायराना अंदाज में बयां करते हुए कहा कि हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है, बड़ी मुश्किल से पैदा होता है चमन में दीदावर पैदा।

समारोह में विशिष्ट अतिथि यूनानी पैथी जयपुर में डिप्टी डायरेक्टर डॉ मनमोहन खींची ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति को समाप्त करने के कई बार ब्रिटिश सरकार ने प्रयास किए, किंतु हकीम अजमल खान ही थे जिन्होंने यूनानी पैथी की हिमायत की और इसके संरक्षण में महती भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर यदि कहीं सिस्टमैटिक है तो वह जयपुर की राजपुताना युनानी मेडिकल कॉलेज है तथा यहां से डिग्री प्राप्त कर गए छात्र छात्राएं देश भर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय आयुष का ही है। एलोपैथी से लोग उक्ता गए हैं, यूनानी पैथी में हर बीमारियों का इलाज बिना किसी दुष्प्रभाव के उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर खींची भी राजपुताना युनानी मेडिकल कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर उक्त पद पर आसीन हुए हैं।

जोधपुर युनानी मेडिकल कॉलेज के डीन प्रोफेसर मोहम्मद शोएब आजमी ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के लाड बैटन ने मजबूर होकर हकीम अजमल खान के संघर्ष के आगे घुटने टेके और पहली युनानी मेडिकल कॉलेज की नींव रखी, उसी से मैं फारिग हूं। वहीं डॉक्टर मुल्ला वाहिद ने यूनानी पैथी के संस्थापक हकीम अजमल खान व अन्य के बारे में बताते हुए इसकी महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला है। कार्यक्रम का संचालन अनस रहमान वह महविश उज्मा ने संयुक्त रूप से किया।

कॉलेज के यह विद्यार्थी रहे टॉपर

बीयूएमएस फर्स्ट ईयर की छात्रा इरम फिजा, सेकंड ईयर के मोहम्मद सुफियान तथा थर्ड ईयर की सबा अली कॉलेज टॉपर रहे। जिन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया

क्विज प्रतियोगिता में यह रहे विनर

इस दौरान डिबेट और क्विज प्रतियोगिताओं का भी ग्रुप बनाकर आयोजन किए गए। जिनमें विनर रहे छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया। क्विज प्रतियोगिता में मोहम्मद सुफियान, हिफजुर रहमान, सबा अली व अरकम खान प्रथम रहे। वहीं द्वितीय स्थान पर नाजो खान, मोहम्मद फरमान, सिमरन व आफरीन बानो रहे तथा तृतीय स्थान पर राशिका परवीन, सिमरन खान, काशिफ खान तथा सिदरा रही।

डिबेट प्रतियोगिता में यह रहे विनर

डिबेट कंपटीशन में प्रथम महविश उजमा, द्वितीय इरम फिज़ा एवं तृतीय स्थान पर नाजो खान रही।

पोस्टर प्रतियोगिता के विनर

समारोह के दौरान पोस्टर प्रतियोगिता का भी प्रदर्शन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर तस्लीम बानो, द्वितीय सारा खान तथा तीसरे स्थान पर तैयबा नाज रही।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/