बढ़ने लगे सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीज

Reporters Dainik Reporters
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उज्जैन। जिले में एक बार फिर सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीज बढ़ने लगे हैं। कोरोना पॉजीटिव्ह भी रिपीट हो रहे हैं। इन सभी मामलों की कहीं न कहीं जिले का स्वास्थ्य विभाग अनदेखी कर रहा है।

यदि शहर के प्रायवेट क्लीनिक का सर्वे कराया जाए, तो चौंकानेवाले आंकड़े सामने आएंगे। पिछले 15 दिनों में इन बीमारियों के मरीज बढ़े हैं,इसकी पुष्टि प्रायवेट डॉक्टर्स से चर्चा करके की जा सकती है।

जिला प्रशासन ने 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया अपनाना शुरू कर दी थी। धीरे-धीरे बाजार खुले और बाजार में भीड़ भी बढ़ने लगी। चोरी छिपे हो रहे विवाह समारोह अब डीजे के साथ हो रहे हैं।

विवाह समारोहों में भीड़ बढ़ने लगी है,भले ही कोरोना प्रोटोकाल की गाइड लाइन कुछ भी कह रही हो। इन स्थितियों के बीच चौंकानेवाली बात यह है कि पिछले 15 दिनों में सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है और बढ़ती जा रही है।

आमतौर पर बारिश के मौसम में इसे सीजनल बीमारी कहा जाता है। लेकिन इस बार प्रायवेट डॉक्टर्स का कहना है कि इसे सीजनल मानकर नहीं चल सकते।

चूंकि उनका व्यवसाय है,ऐसे में बढ़ती भीड़ उन्हें तो सुकून दे रही है लेकिन कहीं न कहीं सतर्कता की आवश्यकता है,जो जिला प्रशासन को ही बरतना है। वे बताते हैं कि रोजाना यदि 25 मरीज आते हैं तो 20 मरीज सर्दी-जुकाम-खांसी के होते हैं।

यह हाल है जिला अस्पताल के

जिला अस्पताल में भी सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीजों की संख्या पिछले 15 दिनों में बढ़ी है। सिविल सर्जन डॉ.पी एन वर्मा के अनुसार सीजनल बीमारी है,ऐसा हर बार होता है। हालांकि वे यह स्वीकार करते हैं कि ये लक्षण कहीं न कहीं बीमारी बढ़ने पर कोरोना में बदल सकते हैं। लेकिन ऐसे हर रोगी की आरटीपीसीआर नहीं करवाई जा रही है,इस बात को भी उन्होंने स्वीकारा।

माधवनगर में है फीवर क्लीनिक

शा.माधवनगर अस्पताल में अभी भी कोविड मरीजों का उपचार होता है। यहां फीवर क्लीनिक है। यहां पर आरटीपीसीआर एवं एंटीजन टेस्ट भी होता है। यहां सर्दी-बुखार-खांसी का मरीज आने पर उसकी जांच होती ही है।

ऐसे में यह भी शोध का विषय है कि ऐसे मरीजों की जांच यहां हो रही है या नहीं? यदि हो रही है तो उनकी रिपोर्ट क्या आ रही है? इसलिए भी क्योंकि यहां उपचाररत कतिपय मरीज रिपीट पॉजीटिव्ह आए हैं और उनका घर पर उपचार चल रहा है।

लेकिन इन्हें पॉजीटिव्ह मरीजों की गिनती में नहीं लिया गया। यही कारण है कि पिछले एक सप्ताह से पॉजीटिव्ह मरीजों की संख्या शून्य आ रही है।

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