Bhilwara।पूरे देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है आमजन जिंदगी से जूझ रहा है अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है बाजारों में कोरोना संक्रमण से बचाव की दवाइयों का अभाव है कालाबाजारी हो रही है ऐसे में भाजपा आमजन की जिंदगी बचाने से ज्यादा राजनीति की पड़ी है ।
एक तरफ तो देश भर में यह प्रचारित किया जा रहा है कि आमजन घरों से ना बाहर ना निकले और दूसरी और भाजपा पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन चला कर आज देशभर मे हर जिला मुख्यालय पर आज प्रदर्शन किए जाएंगे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री देशभर में अपने-अपने राज्यों में प्रचारित कर रहे हैं मोदी जी मीडिया के माध्यम से मन की बात करके इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से संदेश दे रहे हैं कि आमजन अनावश्यक रूप से घरों के बाहर ना निकले गाइडलाइन की पालना करें।
लेकिन वहीं दूसरी ओर भाजपा आज देश भर में जिला मुख्यालयों पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करेगी माना कि भाजपाई सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर लेंगे लेकिन क्या वह घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं? क्या यह आवश्यक काम है ? धरना प्रदर्शन विरोध वह भी इसी महामारी मे जिसने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है ऐसे समय में यह राजनीति क्यों ?
घरों से बाहर निकलने की पाबंदी आम जनता पर तो लगाई जा रही है लेकिन क्या यह भाजपा के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए घरों से बाहर नहीं निकलेंगे तो इन पर पाबंदी क्यों नहीं ? क्या भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं से पहले एक आमजन नहीं है ? भाजपा का यह दौरा चेहरा क्यों ?