भरतपुर नगर निगम में ठेकेदार संघ के निविदाओं को लेकर जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया और ज्ञापन सौपा

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Bharatpur/राजेन्द्र शर्मा जती।भरतपुर में सोमवार को नगर निगम में उस वक्त हंगामा मच गया जब नगर निगम की साधारण सभा की बैठक के दौरान निर्माण कार्य के निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया के प्रस्ताव को लेकर ठेकेदार संघ के द्वारा नगर निगम सभागार के बाहर जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया।

ठेकेदार संघ के द्वारा जिला अध्यक्ष दीपेन्द्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में ठेकेदारों ने महापौर अभिजीत कुमार जाटव को अपनी मांगों के संबंध में साधारण सभा की बैठक के दौरान सभागार में पंहुचकर ज्ञापन दिया गया।

हालांकि साधारण सभा की बैठक के दौरान नारेबाजी कर ज्ञापन देने के तरीके से महापौर अभिजीतकुमार जाटव खासे नाराज आए।

इस मौके पर ठेकेदार संघ के शैलेष कौशिक ने बताया कि नगर निगम भरतपुर के साधारण सभा की बैठक में प्रस्ताव संख्या 58, 59 में पैकेज में नगर निगम प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यो के बड़े-बड़े पैकेज बनाकर निविदा आमन्त्रित
करने का प्रस्ताव लिया जा रहा है। जिसमें निर्माण बिजली/सफाई की निविदाऐं शामिल हैं।

उपरोक्त प्रस्तावों में 8 से 10 वार्डो के समूह बनाकर निविदा लगाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जानकारी में आया है कि इसी प्रकार 40-45 वार्डो की एन्ट्रीगेटेड सफाई कार्यो की निविदा भी लगाई जा रही है।

नगर निगम प्रशासन द्वारा अपनाई जा रही यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से गलत है क्योंकि नगर निगम में निर्माण से सम्बन्धित लगभग 115 से 120 एवं लाईट एवं
सफाई कार्यो के लगभग 10 संवेदक पिछले कई वर्षो से लगातार कार्य कर रहे हैं।

अधिकांश संवेदक डी,सी एवं बी श्रेणी में पंजीकृत हैं। तथा वर्तमान में नगर निगम भी सी-श्रेणी की निगम है। उपरोक्त लगभग 130 ठेकेदारों के परिवारों का लालन-पालन पिछले कई वर्षो से नगर निगम भरतपुर में संवेदक के
रूप में कार्य करते हुये हो रहा है।

वर्तमान में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से न केबल देश-प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी वैश्विक
महामारी के कारण आर्थिक संकट में है। जिसके कारण आमजन को अपने परिवार के लालन-पालन में तमाम कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान में अगर निगम द्वारा इस प्रकार के बड़े-बड़े पैकेज बनाकर निविदाएंे लगाई गई तो नगर निगम परिवार के लगभग 130 संवेदक पूर्ण रूप से बेरोजगार हो जायेंगे और उनके परिवार सड़क पर आ जायेंगे। जिसके कारण तमाम तरीके की आजीविकाओं की समस्या आने के कारण और उनके परिवार के सामने जीवन यापन का संकट आ जायेगा।

वर्तमान में नगर निगम भरतपुर द्वारा अपनाई जा रही यह पैकेज प्रक्रिया राज्य सरकार दिशा निर्देशों के बिल्कुल विपरीत है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल में संवेदकों को आर्थिक संकट से उभारने के लिए वर्तमान
में अमानत राशि नहीं लेने एवं पूर्व में किये गये कार्यो की एस.डी. राशि की 75 प्रतिशत वापिसी हेतु वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों आदेश दिये जा चुके है।

जिस पर ठेकेदार संघ के महापौर अभिजी कुमार जाटव को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि नगर निगम भरतपुर में पंजीकृत लगभग 130 संवेदकों एवं उनके परिवारों की आजीविका को मद्देनजर रखते हुये आज की बैठक में जो पैकेज प्रस्ताव लिये जा रहे हैं उनको पूर्व की भांति वार्ड वाईज छोटे-छोटे टुकड़ों में लगाया जाये।

जिससे कि अधिकांश संवेदक अपनी क्षमता अनुसार निविदा प्रक्रिया में भाग लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। अगर नगर निगम प्रशासन द्वारा उपरोक्त पैकेज प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया गया तो मजबूरन हम सभी निर्माण, बिजली, सफाई संवेदकों को वर्तमान में सभी चल रहे।

निर्माण कार्यो को यथास्थिति बंद करना पड़ेगा और साथ ही इस अव्यवहारिक प्रक्रिया के खिलाफ उग्र आन्दोलन किया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी
नगर निगम भरतपुर की होगी।

वहीं इस बारे में नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार
जाटव ने कहा कि ठेकेदारों के मन में सिर्फ शंकाए चल रही है।

नगर निगम काऐसा कोई ध्येय नहीं है कि किसी को कार्य से वंचित रखा जाए। नगर निगम के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि योग्यता के अनुरूप ठेकेदारों को कार्य
मिलेगा। बडा कार्य होगा तो बडा ठेकेदार आएगा। नगर निगम का बस यही ध्येय है कि शहर का विकास हो।

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