Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the foxiz-core domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the fast-indexing-api domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
18 साल बाद वृष राशि में राहु का गोचर करेगा कांड, बना अंगारक योग - Dainik Reporters

18 साल बाद वृष राशि में राहु का गोचर करेगा कांड, बना अंगारक योग

Dr. CHETAN THATHERA
8 Min Read

भीलवाड़ा। ब्रह्मांड में ग्रह की स्थितियां बदलती रहती हैं ब्रह्मांड में 18 साल बाद एक बार फिर राहु है गत 13 फरवरी को रोने रक्षक में प्रवेश किया है जहां वे आगामी 20 सितंबर तक गोचर करेंगे वृष राशि में गोरख राहु का गोचर भारत के लिए हमेशा शुभ नहीं रहा है और अब की बार रोहिणी नक्षत्र का राहु कुछ कांड करेगा इसी के साथ ही वृष राशि में अंगारक योग भी बन रहा है यह ज्योतिष गणित मुनि अजीत चंद्र विजय के द्वारा निकाली गई है और बताई गई है इस गणित और आकलन का दैनिक रिपोर्टर्स नहीं है दैनिक रिपोर्टर्स डॉट कॉम श्री मुनि अजीत चंद्र विजय द्वारा की गई ज्योतिष गणना और भविष्यवाणी को प्रसारित कर रहा है ।

18 वर्ष बाद राहु रोहिणी नक्षत्र में आने वाले 52 दिन होंगे भारी

मंगल ग्रह 22 फरवरी को वृषभ राशि में आए हैं जबकि राहु पहले से ही वृषभ राशि में हैं। मेदिनी ज्योतिष के ग्रंथों में वृषभ राशि में स्थित रोहिणी नक्षत्र में पाप ग्रहों जैसे शनि, मंगल, राहु और केतु के गोचर को बेहद अनिष्टकारी और विशेषरूप से भारत के लिए उथल-पुथल लाने वाला कहा गया है। वृषभ राशि में 10 अंश से 23 अंश 30 कला तक रोहिणी नक्षत्र की स्थिति कही जाती है। मेष से मीन तक 12 राशियों में कुल 27 नक्षत्र हैं लेकिन इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण रोहिणी नक्षत्र है जिससे चंद्रमा सबसे अधिक प्रेम करता है।

  बड़ी विपदा लेकर आता है राहु का वृषभ में गोचर 

भगवान कृष्ण का जन्म भी चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में रहते हुआ था। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र में पाप ग्रहों का गोचर जनता को बेहद कष्ट देने वाला होता है। अभी हाल ही में 13 फरवरी को राहु ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है, जहां वह आगामी 20 सितंबर तक गोचर करेंगे। वृष राशि में राहु का गोचर भारत के लिए शुभ नहीं रहा है, 1947 में देश के विभाजन के समय सांप्रदायिक तनाव, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या तथा 2002 के गुजरात दंगों के समय भी राहु वृष राशि में गोचर कर रहे थे। वृष राशि में राहु का गोचर प्रत्येक 18 वर्ष के अंतराल पर कोई बड़ी विपदा ले कर आता है। आइए जानें अबकी बार रोहिणी नक्षत्र का राहु क्या कांड करेगा।

राहु के साथ वृष राशि में आए मंगल से बना अंगारक योग

वृष राशि में अंगारक योग बना है। दरअसल मंगल और राहु किसी भी राशि व भाव में एकसाथ आ जाएं तो अंगारक योग बनता है। 22 फरवरी को मंगल शुक्र की राशि वृष में आए हैं और वहां पहले से ही राहु हैं, ऐसे में यह अंगारक योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यह योग स्वभाव में उग्रता, आक्रमकता प्रदान करता है। साथ ही व्यक्ति के स्वभाव को हिंसक व नकारात्मकता बनाता है, जिससे उनके हर कार्य में विघ्न आते हैं। यह योग रिश्तेदारों, मित्रों और भाइयों के साथ संबंधों को खराब करते हैं और इनके साथ किसी न किसी बात पर वाद-विवाद होता रहता है। अंगारक योग बनने पर कोई भी कार्य आसानी व शांति से पूरा नहीं हो पाता और ज्योतिष में इस योग के अच्छे योग में शुमार नहीं किया गया है।

 12 मार्च से 3 अप्रैल का समय है संवेदनशील 

वृषभ राशि में गोचर कर रहे मंगल आगामी 12 मार्च से 3 अप्रैल के बीच रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हुए राहु से युति करेंगे। यह समय विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक उथल-पुथल के कारण भारत के लिए कष्टकारी हो सकता है। मंगल जब 24 मार्च को रोहिणी नक्षत्र के मध्य में 17 अंश पर पहुंचेंगे तब उत्तर-भारत में किसी अप्रिय घटना से तनाव पैदा हो सकता है, जिससे सरकार को कानून-व्यवस्था की स्थिति संभालने में मुश्किल हो सकती है। किसान आंदोलन के ओर अधिक उग्र होने तथा महंगाई के बढ़ने के भी योग बन रहे हैं। राहु 13 अप्रैल को रोहिणी नक्षत्र के मध्य में 17 अंश पर पहुंच कर स्थिति को अधिक विकट बनाएंगे। पश्चिम बंगाल, केरल और असम के विधानसभा चुनाव में विचित्र स्थिति देखने को मिलेगी।

26 मई के चंद्रग्रहण के बाद बढ़ेगी और परेशानी

रोहिणी नक्षत्र में मंगल और राहु का गोचर मार्च के मध्य में तेज़ी से गर्मी बढ़ा देगा जिससे उत्तर और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा। राहु के रोहिणी में गोचर के चलते इस वर्ष मानसून असामान्य रहेगा जिसके कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ आने से किसानों को कष्ट पहुंचने के योग बन रहे हैं। 13 फरवरी से 20 सितंबर तक का समय राहु के रोहिणी नक्षत्र में गोचर के चलते बड़े नेताओं तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अति संवेदनशील रहेंगे। 26 मई के चंद्रग्रहण के बाद चीन भारत के साथ हुए सीमा समझौतों को तोड़ते हुए छल-पूर्वक कोई सैन्य दुःसाहस भी कर सकता है।

इस तीन राशियों पर रहेगा सबसे ज्यादा असर

 

मंगल और राहु एकसाथ वृषभ राशि आकर बैठे हों तब इसका सबसे ज्यादा असर कर्क, वृश्चिक और धनु पर रहेगा। इन तीन राशियों पर अंगारक योग के कारण मंगल की दृष्टि रहेगी। इसलिए इन तीन राशियों को 52 दिन तक सावधान रहना चाहिए। क्योंकि मंगल 14 अप्रैल को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे यह योग भी खत्म हो जाएगा

कुंडली में अंगारक योग की ज्यादा स्थिति खराब होने पर व्यक्ति अपराधी भी बन सकता है और अवैध कार्यों के चलते कानूनी मामलों में लंबे समय तक फंस सकता है। लाल किताब में इस योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर बताया है, जो दोनों हीं खतरनाक होते हैं क्योंकि उनको भी पता नहीं होता कि वह क्या करने वाले हैं। कुंडली में इस योग के बनने पर व्यक्ति असमंजस की स्थिति में फंस जाता है और व्यक्ति दुर्घटना, अग्निभय, त्वचा की समस्या, खून की समस्या आदि समस्याएं सबसे पहले सामने आती हैं।

वैदिक ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहते हैं और कुंडली में अगर यह ग्रह उच्च स्थान पर होता है तो व्यक्ति साहसी, निडर और योद्धा आदि बनता है। राहु और केतु के साथ जब मंगल आते हैं तब यह योग बनता है। इस बार वृष राशि में राहु के साथ मंगल का गोचर होने से यह खतरनाक अंगारक योग बना है। यह योग धन संबंधी परेशानियां या फिर किसी महिला की कुंडली में यह योग बन रहा है तो संतान संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल को अग्नि तत्व के ग्रह हैं तो राहु वायु तत्व को प्रभावित करते हैं। ऐसे में अग्नि व वायु के भड़कने से परेशानियों हो सकती हैं। इस योग के उपाय न करने पर लंबे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नकारात्मक विचारों से दूर रहना सबसे लाभदायक होता है।

मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम