19 साल के इतिहास में पहला मौका
जयपुर। प्यार के खातिर करंट और पिटाई खाई ज्योति ने नही टुटा प्यार का रिश्ता । घर वालो को बेटी कि जिद के आगे से पिता और भाई को झुकना ही पड़ा । ज्योति ने आज प्रेमी के साथ सात जन्मो के रिश्ते मैं बन गई इसमें सहयोग मिला राज्य महिला आयोग। राज्य महिला आयोग गुरुवार को एक अनूठा इतिहास रचाया आयोग परिसर में शहनाई की गूंज के साथ मण्डप भी सजा। परिवार की भूमिका में परिजनों के साथ आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा अपना फर्ज अदा किया। युवती को करंट लगाने और पीटने के मामले में राज्य महिला आयोग गुरुवार को आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने कार्यालय में ही सुबह साढ़े 11 बजे हिन्दू रीति रिवाज के साथ दोनों के विवाह का करवाया। आयोग के इतिहास में यह पहला मौका है जब परिजनों के उत्पीड़न के शिकार प्रेमी जोड़े का महिला आयोग कार्यालय में विवाह किया।
हालांकि इस दौरान दोनों के परिजन भी मौजूद रहें। विवाह के संपूर्ण रीति रिवाज आयोग अध्यक्ष की देखरेख में हुआ । राज्य महिला आयोग के गठन के बाद यह पहला मौका है जब कार्यालय में किसी जोड़े का विवाह संपन्न हुआ। आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि आयोग का गठन 1999 में किया गया था।
उसके बाद से 19 सालों में कई ऐसे मौके आए जब आयोग में कई शादियां आपसी समझाईश व सख्ती से आगे बढ़ीं। सैंकड़ों ही प्रकरणों में विवाह विच्छेद भी हुआ। जब भी कोई विवाह टूटता था तो उन्हें काफी दुख होता है। सुमन शर्मा अब खुद बच्ची का कन्यादान कर समाज को एक मेसेज दिया, कि प्रदेश की हर बेटी के साथ आयोग सदैव खड़ा है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि झोटवाडा निवासी ज्योति और मनीष कुछ समय से प्रेम प्रसंग में थे। इनके परिजन इसके खिलाफ थे। इस पर आयोग में तलब किए गए परिजनों पर युवती ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अपनी पसन्द के युवक से शादी करना चाहती है। घरवाले खिलाफ हैं और उसे प्रताड़ित करते हैं। आयोग की समझाने के बाद वे लोग उनके रिश्ते को स्वीकार करने को तैयार हुए। जब लड़के को बुलाकर उसपनी आपबीती सुनाई। युवती की इस आपबीती के सुनने के बाद उसे महिला शक्ति केन्द्र भेज दिया गया। मामला राज्य महिला आयोग पहुंचा तो, दोंनो पक्षों की समझाईश की गई।