Jaipur news ।राजस्थान में हाल ही सामने आए 12 जिलों के 50 स्थानीय निकायों के नतीजों में मतदाताओं ने पढ़े-लिखों के हाथ में विकास की डोर थमाई है।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनते ही चुनाव लडऩे के लिए पढ़ाई की बाध्यता के नियम को बदला गया था। इससे चुनाव लडऩे के लिए शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता समाप्त हो गई थी। नतीजों में 14 चेयरमैन और सभापति ग्रेजुएट या इससे बड़ी कोई डिग्री रखते हैं, तो 7 चेयरमैन या सभापति 12वीं पास, 14 चेयरमैन या सभापति दसवीं पास, 5 चेयरमैन या सभापति 5वीं पास, तो 10 चेयरमैन या सभापति ऐसे हैं जो पढ़े लिखे हैं। वैर नगर पालिका से चेयरमैन बने विष्णु महावर सबसे कम उम्र के चेयरमैन है। विष्णु 23 साल के हैं, वहीं पीपाड़ सिटी नगर पालिका से कांग्रेस की चेयरमैन बनी समु देवी सबसे उम्रदराज चेयरमैन है। सोनी देवी 68 साल की है।
मंत्रियों-विधायकों का चला जादू
12 जिलों के 50 निकायों में से 36 में कांग्रेस बोर्ड बनाने में कामयाब हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 12 स्थानीय निकायों से संतोष करना पड़ा। जबकि, दो जगह निर्दलीयों के बोर्ड बने हैं। नतीजों में कांग्रेस के सभी पांच मंत्री अपने निकाय में कांग्रेस को सफलता दिलाने में कामयाब हुए हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाया था, शेष चार मंत्रियों राजेन्द्र यादव, प्रमोद जैन भाया, भजनलाल जाटव और परसादी लाल मीणा ने निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस पार्टी को जीत दिला दी है। कांग्रेस के 5 मंत्रियों के अलावा 24 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में भी स्थानीय निकाय चुनाव थे। इनमें से 18 विधायक ऐसे थे, जिनकी प्रतिष्ठा भी निर्दलीयों के हाथ में थी, क्योंकि 6 विधायक तो बहुमत दिलवा चुके थे, जबकि पांच मंत्री भी सफल हो चुके थे। राजेंद्र यादव के क्षेत्र की कोटपूतली नगरपालिका में निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस का अध्यक्ष बना है। मंत्री भजनलाल जाटव के विधानसभा क्षेत्र में वैर और भुसावर नगरपालिकाओं में निर्दलीयों का दबदबा था। दोनों नगर पालिकाओं में कांग्रेस अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है। प्रमोद जैन भाया के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली अंता नगर पालिका में निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस का बोर्ड बन गया है। परसादीलाल मीणा के क्षेत्र लालसोट में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन निर्दलीयों के सहारे लालसोट पालिका में भी कांग्रेस का अध्यक्ष बना है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने तो चुनाव के नतीजों में ही कांग्रेस का बोर्ड बनना तय हो गया था।
सत्रह कांग्रेस विधायकों ने बचाई प्रतिष्ठा
संदीप यादव ने तिजारा, जोगिंदर सिंह अवाना ने नदबई नगरपालिका, जाहिदा खान ने कामां, वाजिब अली ने नगर, भरोसीलाल जाटव ने हिंडौन, लाखन सिंह मीणा ने करौली नगर परिषद, मुरारीलाल मीणा ने दौसा नगर परिषद, जीआर खटाणा ने बांदीकुई नगर पालिका, दानिश अबरार ने सवाईमाधोपुर नगर परिषद, वेदप्रकाश सोलंकी ने चाकसू नगर पालिका, विश्वेन्द्र सिंह ने डीग और कुम्हेर पालिका, अमर सिंह जाटव ने बयाना पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनाकर अपनी प्रतिष्ठा बचा ली। जबकि, रोहित बोहरा राजाखेड़ा, गिर्राज मलिंग बाड़ी, गुरमीत सिंह कुन्नर केसरी सिंहपुर, करणपुर, पदमपुर और गजसिंहपुर, इंद्रराज गुर्जर विराट नगर नगरपालिका, पानाचंद मेघवाल बारां नगर परिषद, हीराराम पीपाड़ में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिला चुके थे।
सात विधायक हो गए फेल
विधायक हीराराम के क्षेत्र बिलाड़ा में बीजेपी को बहुमत मिला। हालांकि हीराराम ने अपनी दूसरी पालिका पीपाड़ में कांग्रेस को जीत दिला दी। बाबूलाल बैरवा के इलाके में कठूमर की खेड़ली नगर पालिका में बीजेपी जीत गई। विधायक दीपचंद खैरिया के इलाके में खैरथल और किशनगढ़बास में किसी को बहुमत नहीं मिला। निर्दलीयों का साथ भी विधायक खेरिया नहीं ले सके और दोनों जगह भाजपा का अध्यक्ष बना। जौहरीलाल मीणा के इलाके में राजगढ़ नगरपालिका में निर्दलीय बहुमत में आए थे, लेकिन यहां भी निर्दलीयों ने भाजपा का साथ दिया और वहां भाजपा का बोर्ड बना। गंगा देवी के इलाके बगरू नगर पालिका में निर्दलीय बड़ी तादाद में जीत कर आए थे और यहां गंगा देवी को हार का सामना करना पड़ा है। बगरू में निर्दलीयों का ही बोर्ड बना है। जगदीश जांगिड़ के इलाके की सादुलशहर पालिका में अकेले दम पर बहुमत दोनों पार्टियों के पास नहीं था। यहां कांग्रेस का विधायक होने के बावजूद भाजपा का बोर्ड बना है। रामनारायण मीणा के इलाके की इटावा नगरपालिका में कांग्रेस बहुमत से दूर थी और निर्दलीय निर्णायक भूमिका में थे और निर्दलीयों ने भाजपा का साथ दिया।
दो विधायकों ने निर्विरोध बनवा दिया बोर्ड
पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने अपनी दोनों नगर पालिका डीग और कुम्हेर में एक भी कांग्रेस प्रत्याशी को सिंबल नहीं दिया था। रणनीति सफल रही और दोनों नगर पालिकाओं में कांग्रेस को जीत मिली। अमर सिंह जाटव के क्षेत्र की बयाना पालिका में निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत था। बयाना में कांग्रेस का बोर्ड निर्विरोध बन गया। तीन नगर पालिका ऐसी थी, जहां निर्दलीय विधायक थे, जिन्होंने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है। इनमें शाहपुरा से निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने शाहपुरा पालिका में कांग्रेस को जीत दिलाई है, वहीं बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल हुए। गंगापुर सिटी नगर परिषद से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल नहीं हुए। यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की है। चौमंू पालिका भाजपा विधायक रामलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में आती है, लेकिन यहां कांग्रेस ने सेंध मार ली। जयपुर की 3 नगरपालिका सांभर लेक, फुलेरा और किशनगढ़ रेनवाल फुलेरा विधानसभा में आती है। भाजपा विधायक निर्मल कुमावत तीनों स्थानों पर बोर्ड बनवाने में नाकाम रहे हैं।