भारत बंद का असर: जोधपुर में मिलाजुला, चप्पे चप्पे पर पुलिस

Firoz Usmani
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File Photo
Jodhpur News । भारत बंद का असर जोधपुर एवं इसके आस पास देखने को मिला। मिलेजुले असर से दोपहर तक किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिल पाई। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात होने के साथ आला अफसर मॉनिटरिंग के साथ राउण्ड पर है। कमिश्ररेट में आठ सौ पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाले हुआ है। यातायात भी सुचारू ढंग से चल रहा है। शहर में लोगों ने अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से भी बंद रखे है तो कईयों ने बंद के समर्थन में प्रतिष्ठानों को बंद रखा हुआ है। रोडवेज बसें बंद होने से यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ी है।
किसान विरोधी कानून को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में भारत बंद के चलते असर जोधपुर में भी देखने को मिला हालांकि शहरी इलाके में बहुत ज्यादा असर नजर नहीं आया लेकिन ग्रामीण इलाकों में किसानों ने जरूर प्रदर्शन किए तो वहीं दूसरी ओर जोधपुर संभाग की बात करें तो यहां मिलाजुला असर देखने को मिला विभिन्न संगठनों ने सोजती गेट व कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शन करने के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और राष्ट्र्रपति के नाम इन  तीनों कानून को वापस लेने के लिए ज्ञापन दिया।

 नेताओं का घुटनों के बल पर चल कर प्रदर्शन:

केंद्र सरकार द्वारा किसानों को मद्देनजर रखते हुए लाए गए तीन कानून का विरोध लंबे समय से चल रहा है। पहली बार ऐसा हुआ जब इस आंदोलन के समर्थन में आए कर्मचारी नेताओं ने जोधपुर के सोजती गेट चौराहे पर सडक़ पर लेट कर प्रदर्शन तो किया वहीं घुटनों के बल चल कर भी अपना विरोध प्रदर्शित किया। यहां कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया व सोहन डारा के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी भी की गई। उधर कलेक्ट्रेट के बाहर किसान नेता गंगाराम जाखड़ व भूराराम चौधरी के नेतृत्व में बकायदा प्रदर्शन करने के साथ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इन तीनों कानून को वापस लेने का आग्रह किया गया।

कई व्यापारी बंद के पक्षधर नहीं: 

 शहर के सोजती गेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारियों ने पहले से ही पुलिस से साफ कर दिया था कि वह जोधपुर बंद में शामिल नहीं है लिहाजा उनके प्रतिष्ठान खोले जाने पर सुरक्षा मुहैया कराई जाए और इस को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद भी नजर आया। बंद को देखते हुए पुलिस कमिश्नर जोस मोहन खुद भी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे वंही सुबह से लेकर डीसीपी धर्मेंद्र सिंह और आलोक श्रीवास्तव अपने अपने क्षेत्र में जहां पूरी तरह से मुस्तैद नजर आए। वहीं कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर भी पुलिस का भारी जाब्ता देखा गया। इसके अलावा शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने  इन तीनों कानून के विरोध में नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और प्रदर्शन भी किया।

रोडवेज बसें और मंडियों में रही हड़ताल: 

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने सोमवार को ही बसें का संचालन नहीं करने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में 30 हजार बसों के पहिए आज थमे रहे। यात्रियों को आवागमन में काफी बाधाओं का भी सामना करना पड़ा। वहीं अनाज मंडियों में हड़ताल का काफी असर देखा गया। ट्रकों के पहिए भी जाम ही रहे। माल का लदान आदि भी रूक गया।

पुलिस लेते रही फीडबैक: 

पुलिस उपायुक्त पूर्व धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बंद को देखते हुए आठ सौ पुलिस कर्मियों की कमिश्ररेट में तैनाती रखी गई है। किसी प्रकार की अवांछनीय गतिविधि से निपटने के लिए पुलिस के पास माकूल बंदोबस्त रखा गया है। पुलिस आज चौराहों पर बंद के मद्देनजर घूमती नजर आती रही।
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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।