Jaipur news । प्रदेश की सियासत में अंदर खाने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बीच ऊपरी तौर पर जरूर राजीनामा हो गया था लेकिन आंतरिक तौर पर अभी भी खींचतान जारी है और तू डाल डाल मैं पात पात का खेल चल रहा है फोन टैपिंग के मामले में जिस तरह पुलिस विभाग के एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी ने सचिन पायलट की बिना अनुमति के उसके घर में घुसकर उनकी मीडिया मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था इस मुकदमे के खिलाफ सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर ने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने इस मामले में दस्तक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए कोर्ट में फाइल तलब कर ली है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर के सूर्यगढ़ में कांग्रेसी विधायकों की बाडेबंदी के दौरान फोन टेपिंग करने और मौके पर जेमर लगाने से जुडी भ्रामक खबर तैयार करने के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने पुलिस से 18 नवंबर को केस डायरी पेश करने को कहा है। न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने यह आदेश लोकेन्द्र सिंह की याचिका पर दिए। हालांकि अदालत ने प्रकरण में अनुसंधान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गत दिनों एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें कहा गया कि जैसलमेर के सूर्यगढ़ में कांगे्रसी विधायकों और नेताओं के फोन टेपिंग करने को लेकर तथ्यहीन और भ्रामक खबरें प्रकाशित हुई और उन्हें सोशल मीडिया पर जारी किया गया। इस भ्रामक समाचार को लोकेन्द्र सिंह व अन्य ने तैयार किया है। याचिका में कहा गया कि इस समाचार को सभी चैनल ने केन्द्रीय जांच एजेन्सी के हवाले से दिखाया गया है। ऐसे में राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज इस एफआईआर को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए केस डायरी तलब की है।