Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the foxiz-core domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the fast-indexing-api domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
शाहपुरा में कोरोना कनेक्शन क्या ,अब भी जनता न संभली तो फिर विस्फोट भंयकर ही होगा  - Dainik Reporters

शाहपुरा में कोरोना कनेक्शन क्या ,अब भी जनता न संभली तो फिर विस्फोट भंयकर ही होगा 

Dr. CHETAN THATHERA
8 Min Read

Shahpura News / मूलचन्द पेसवानी।  शाहपुरा नगर पालिका क्षेत्र, तहसील, उपखंड व पंचायत समिति क्षेत्र में कोरोना कोविड़ 19 का कनेक्शन क्या है। अभी तक जनता को पता नहीं है। जनता क्या प्रशासन भी पता नहीं कर पाया है कि आखिर एक पखवाड़े में दो दर्जन से ज्यादा पॉजिटिव केस कहां से आ गये।

जिले के आरआरटी प्रभारी डिप्टी सीएमएचओ डा. घनश्याम चावला के ही पॉजिटिव आने के बाद तो जनता मानों स्वयं को अनाथ समझने लगी है। जनता को इस बात का डर है कि शाहपुरा चिकित्सा विभाग के प्रभारी डा. चावला ही अगर पॉजिटिव हो गये तो फिर जनता का तो भगवान मालिक है।

खैर शाहपुरा क्षेत्र में कोरोना का फैलाव होने के लिए कई कारण है। कारणों की तह में जाने के बजाय हमें स्वयं को सर्तक रहकर ही शाहपुरा में कोरोना के फैलाव को रोकना होगा। राज्य सरकार बाड़ेबंदी में है तो उससे उम्मीद फिलहाल जायज नहीं है। सही भी है कुर्सी बचाने के लिए जतन तो करना होगा। जिला प्रशासन का मानो शाहपुरा की ओर ध्यान ही नहीं है। शाहपुरा तो जिला मुख्यालय पर मानों केवल कागजों में ही रह गया है।

अब बात आती है शाहपुरा के चिकित्सा विभाग व उपखंड प्रशासन की जिसमें पुलिस प्रशासन भी शामिल है। उपखंड अधिकारी का तबादला क्या हुआ मानों शहर में सभी की बांछे खिल गयी। तबादला फिर राखी का त्यौंहार मानों यहां के वाशिंदों विशेषकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सब्जी विक्रेताओं, फल वालों व रेस्टोरेंट वालों को मुंह मांगी मिल गयी। तबादला प्रशासनिक प्रक्रिया है, उपखंड अधिकारी चली गयी। यह भी सोचना होगा कि शाहपुरा से ज्यादा कोरोना का प्रभाव ब्यावर में है, इसलिए उनको वहां पर भेजा गया है और उन्होंने वहां पर कार्य भी शाहपुरा मॉडल की तरह से करना प्रारंभ कर दिया।

अब बचते है पीछे शाहपुरा के वाशिंदे व शाहपुरा का प्रशासन। ये दोनो आपस में समन्वय कैसे बना कर कोरोना से लड़ते है यही देखना है। किसी अधिकारी के चले जाने से प्रशासन चुप्पी साध ले यह भी समझ से परे है। आखिर दूरी पंक्ति के अधिकारी भी तो है। पद तो यहीं पर है। पद के अनुरूप सभी सुरक्षा के बंदोबश्त किये जाने चाहिए। शाहपुरा की मानसिकता व भौगलिक स्थिति को लेकर यहां के लिए अलग से पॉलिसी तैयार होनी चाहिए।

इस पर प्रशासन को अविलंब काम करना चाहिए। इस कार्य में नगर पालिका, राजस्व विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायत समिति, पुलिस विभाग व शिक्षा विभाग में समन्वय स्थापित करके कोर कमेटी बननी चाहिए। कोर कमेटी प्रतिदिन समीक्षा करें, मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लेवें व उसी के अनुरूप् निर्णय कर क्रियान्विति करें तो कोरोना के प्रभाव को रोका जा सकता है।

रही बात जनता जर्नादन की तो शाहपुरा की भोली भाली जनता तो समझदार है। जनता वैसे भी जनप्रतिनिधियों को एक तरफ कर प्रशासन की ओर ही टकटकी लगाये बैठी है। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति भी जनता के बीच न के बराबर होने से जनता को विश्वास भी उन पर नहीं है। आपसी समन्वय से जनता को दिये जाने वाले दिशा निर्देशों से ही जनता निर्देशित होगी पर इसमें भी बिना किसी भेदभाव के कार्य योजना बनेगी तो।

मार्च अप्रेल में शाहपुरा की ही जनता थी जो पुलिस व प्रशासन को अपना आदर्श मानकर कह रही थी कि सख्ती से ही शाहपुरा में कोरोना ने प्रवेश नहीं किया। जनता अब भी इस विश्वास को बनाये रखने के लिए तैयार है। बशर्ते प्रशासन एक कदम आगे तो बढ़े सहीं।

रही बात चिकित्सा विभाग की तो यहां इसका मालिक भगवान है। चिकित्सक को भले ही जनता भगवान मान ले पर चिकित्सक है तो शाहपुरा की जनता को भगवान का भक्त मानने को तैयार ही नहीं है। चिकित्सा विभाग की योजना क्या है, कब कहां पर सर्वे होगा, सर्वे में क्या प्राथमिकता है। सर्वे टीम कहां पर कब पहुंचेगी, सर्वे टीम में कौन कौन है, कोरोना सेंपल कहां कब लिए जायेगें, कौन चिकित्सक कहां सेवा दे रहा है, कोविड़ सेंटर की क्या स्थिति है, वहां पर क्या क्या सुविधा है, कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कोविड सेंटर में रोगी को क्या सुविधा किस आधार पर मिलेगी, क्या वहां पर कोई शुल्क दिया जाना होता है, कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद उसके परिवार व उसके कांटेक्ट में आने वालों के साथ क्या होगा, उसके घर पर सेनेटाइजेशन की कौन व्यवस्था कब करेगा, उसके मौहल्ले को जीरो मोबेलिटी क्षेत्र कब घोषित किया जायेगा, ऐसा होने पर वहां सुरक्षा के बंदोबश्त कौन करेगा आदि ऐसे कई सवाल है जो जनता जानना चाहती है।

पर चिकित्सा विभाग की चुप्पी ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है। डिप्टी सीएमएचओ पॉजिटिव आने के बाद जो पीछे कार्य संभाल रहे है उनका नैतिक दायित्व है कि जनता के मध्य अपनी पैठ को बनाये रखें।

यहां यह बताना भी समीचीन होगा कि जनता व प्रशासन के मध्य विश्वास बनाने व सूचनाओं का आदान प्रदान करने में मीडिया का अहम रोल हो सकता है पर मीडिया की अपनी मजबूरी है। चिकित्सा विभाग जानबूझ कर कोरोना से संबंधित सूचना व कार्य योजना की जानकारी ही मीडिया को नहीं दे पा रहा है। भीलवाड़ा जिला मुख्यालय ने जिस प्रकार से कोविड़ आईटी सेंटर बना रखा है उसी अनुरूप शाहपुरा में भी व्यवस्था होनी चाहिए।

कोविड कोरोना की पल पल की जानकारी मीडिया को मिलेगी तो शहर में अफवाहों को रोकने में आसानी होगी तो तथा जनता मानसिक रूप् से विभाग के सहयोगी की भूमिका में रहेगी।

जनता भी अपने विवेक को काम में ले, अकारण बाजार में तफरी करने से बचे। जरूरत हो तो बाजार में निकले नहीं तो संचार तकनीक का उपयोग करके भी कार्यो का संपादन किया जा सकता है। सोशल डिस्टेसिंग व मास्क का उपयोग जनता को करना ही होगा। जनता इसे लोहे की लकीर का फरमान समझ कर अपना लेवें क्यों कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यह कहना बेमानी होगा कि ऐसा करते तो ऐसा नहीं होता।

कुल मिलाकर शाहपुरा में कोरोना के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाने के लिए हर पक्ष को ईमानदारी से पारदर्शिता के आधार पर काम करना होगा तभी हम कोरोना से जीत पायेगें नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब घर घर कोरोना की दस्तक पहुंच जायेगी।
खैर अब निर्णय जनता व प्रशासन के आला अधिकारियों को करना है कि राजस्थान सर्तक है की तर्ज पर शाहपुरा को सुरक्षित रखते हुए सर्तक करना है या हॉटस्पाट बनाना है।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम